ट्राई प्रमुख की व्यक्तिगत जानकारी आधार डाटाबेस, सर्वर से नहीं ली गई: UIDAI
By भाषा | Published: July 30, 2018 04:25 AM2018-07-30T04:25:34+5:302018-07-30T04:25:34+5:30
आधार नंबर के संभावित दुरुपयोग को लेकर आर. एस. शर्मा और कुछ ट्विटर उपयोगक्ताओं के बीच बड़ा विवाद छिड़ा हुआ है। यूआईडीएआई इस विवाद में शर्मा के समर्थन में कूद पड़ा है।
नई दिल्ली, 30 जुलाई: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने ट्राई प्रमुख आरएस शर्मा के बचाव में उतरते हुये कहा कि शर्मा की जो व्यक्तिगत जानकारी ट्विटर पर डाली जा रही है, वह आधार डाटाबेस अथवा उसके सर्वर से नहीं ली गई है। इस बारे में डाटाबेस को हैक किये जाने के जो दावे किये जा रहे हैं वह जानकारी गूगल सर्च पर आसानी से उपलब्ध है। इसके लिये 12 अंकों के विशिष्ट पहचान संख्या की आवश्यकता भी नहीं है। उल्लेखनीय है कि आधार नंबर के संभावित दुरुपयोग को लेकर आर. एस. शर्मा और कुछ ट्विटर उपयोगक्ताओं के बीच बड़ा विवाद छिड़ा हुआ है। यूआईडीएआई इस विवाद में शर्मा के समर्थन में कूद पड़ा है।
दरअसल ट्राई प्रमुख ने कल ट्विटर पर अपना आधार नंबर सार्वजनिक तौर पर जारी करते हुये खुली चुनौती दी थी कि क्या केवल आधार नंबर जानने से ही कोई उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद ट्विटर इस्तेमाल करने वालों के बीच खुली जंग छिड़ गई और इनमें कईयों ने शर्मा की व्यक्तिगत जानकारी, पैन, मोबाइल नंबर, घर का पता इत्यादि बताना शुरू कर दिया।
बहरहाल, यूआईडीएआई ने एक वक्तव्य में कहा है, 'ट्विटर पर जिस व्यक्ति, आर एस शर्मा की जानकारी को प्रकाशित किया जा रहा है वह आधार डाटाबेस से नहीं या फिर यूआईडीएआई के सर्वर से नहीं उठाई गई है।' इसमें कहा गया है कि शर्मा पिछले कई दशकों से सरकारी सेवा में हैं और उनके बारे में काफी कुछ जानकारी गूगल सर्च तथा कई अन्य साइट पर उपलब्ध है। यह जानकारी आधार नंबर के बिना भी गूगल पर केवल सामान्य खोज करने से उपलब्ध हो जायेगी।
यूआईडीएआई ने कहा, 'वास्तव में जिस जानकारी को हैक करके प्राप्त जानकारी बताया जा रहा है .. जैसे शर्मा का व्यक्तिगत ब्यौरा, उनके घर का पता, जन्म तिथि, फोटो, मोबाइल नंबर, ई-मेल पता आदि ये तमाम जानकारी पहले से ही सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं।' कई ट्विटर उपयोक्ताओं ने दावा किया है कि उन्होंने आधार डाटाबेस को हैक कर आर. एस. शर्मा (ट्राई प्रमुख) से जुड़ी तमाम जानकारी हासिल कर ली है। हालांकि आधार नंबर जारी करने वाली सरकारी संस्था यूआईडीएआई ने इन दावों को स्वांग करना बताया है।
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