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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर को लेकर दिया अच्छा संकेत, व्यक्तिगत आयकर दर में हो सकती है कटौती

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 8, 2019 07:54 IST

पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि व्यक्तिगत आयकर पर कितनी जल्दी राहत मिलेगी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'बजट की प्रतीक्षा करें।'

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ठळक मुद्देव्यक्तिगत आय करों में कटौती से सरकार के वित्त पर अधिक दबाव बढ़ेगा।फरवरी में वित्त वर्ष 2021 का केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संकेत दिया कि सरकार जल्द ही लोगों को राहत देने और खपत को बढ़ावा देने के लिए लोगों के हाथों में अधिक पैसा पहुंचाने का प्रयास कर सकती है। ऐसा करके सरकार व्यक्तिगत आयकर के बोझ को कम कर सकती है। अगर सरकार द्वारा राहत के लिए ऐसाी कोई कदम उठाया जाता है तो मंदी के दौर में भी मांग बढ़ेगी और सुस्त निजी निवेश में भी तेजी देखने को मिलेगी।

आपको बता दें कि वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी में हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट 2019 में यह बात कही है। पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि व्यक्तिगत आयकर पर कितनी जल्दी राहत मिलेगी, मंत्री ने कहा कि "बजट की प्रतीक्षा करें।"

आपको बता दें कि भारत की अर्थव्यवस्था जुलाई-सितंबर के बीच 4.5% के रफ्तार से बढ़ी है, यह विकास दर छह वर्षों में सबसे धीमी गति पर है। हालांकि, केंद्र ने विकास को पुनर्जीवित करने के लिए पिछले चार महीनों में कई उपायों की घोषणा की है, लेकिन अभी तक वांछित परिणाम नहीं आए हैं।

इसके अलावा, सितंबर में वित्त मंत्रालय ने मंदी के बीच निवेश को अधिक करने के लिए व व्यवसायों को प्रोत्साहित करने के लिए नई और घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट कर की दर को घटा दिया था। यह लाभ ऐसी कंपनियों के लिए था, जो पहले किसी भी कर प्रोत्साहन का लाभ नहीं उठाती थीं। इससे जिन्हें लाभ मिला उनको अब यह दर 30% की जगह 22% हो गई। जबकि यह कहा गया कि सर चार्ज के बाद जो प्रभावी कॉर्पोरेट कर की दर 25.17% होगी, जिसमें सेस व सरचार्ज दोनों शामिल होगा।

सरकार के इस फैसले से विशेषज्ञों ने माना कि कॉरपोरेट कर की दर में कटौती से सरकार को 1.45 लाख करोड़ की लागत आएगी और राजकोषीय घाटे से उबरने की उम्मीद होगी। ऐसा  रेटिंग एजेंसियों ने भी माना था।

व्यक्तिगत आय करों में कटौती से सरकार के वित्त पर और अधिक दबाव पड़ेगा, जो विशेषकर कर संग्रह के रूप में सीमित है।

आपको बता दें कि केंद्र ने अपने वार्षिक राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को 102.4% पर सीमित कर दिया और अप्रैल-अक्टूबर के दौरान राजस्व घाटे के लक्ष्य का 112.5% ​​पर समाप्त कर दिया।

सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार कर व्यवस्था को सरलीकृत बनाने की दिशा में कई छोटी-छोटी कदम उठा रही है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि कर दाताओं को किसी भी तरह की परेशान न हो। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सरकार छूट-मुक्त कर व्यवस्था की ओर भी बढ़ रही है।

टॅग्स :निर्मला सीतारमणकर बजटबजटजीएसटी
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