दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण से संबंधित प्रतिशत फीसदी शिकायतें लंबित: सीपीसीबी के आंकड़े
By भाषा | Published: November 1, 2021 05:38 PM2021-11-01T17:38:59+5:302021-11-01T17:38:59+5:30
नयी दिल्ली, एक नवंबर दिल्ली-एनसीआर की एजेंसियां वायु प्रदूषण से संबंधित शिकायतों का निदान करने में विफल रही हैं और 15 अक्टूबर से केवल 11 प्रतिशत शिकायतों का ही समाधान किया गया है। क्षेत्र में खराब होती वायु गुणवत्ता से निपटने के लिए 15 अक्टूबर को ही ‘ग्रेडेड रिस्पोंस एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) लागू किया गया था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, 15 अक्टूबर से 30 अक्टूबर के बीच दिल्ली और हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) शहरों की एजेंसियों ने 424 शिकायतों में से केवल 47 का समाधान किया है।
सीपीसीबी के मुताबिक, अधिकता शिकायतें निर्माण और विध्वंस गतिविधियों, कच्ची सड़कों, सड़क की धूल, कचरा और औद्योगिक कचरे को खुले में फेंकने और यातायात जाम से संबंधित हैं।
दिल्ली में दर्ज 277 शिकायतों में से 26 का निदान किया गया है जबकि 91 प्रतिशत लंबित हैं। उत्तर दिल्ली नगर निगम ने उसे मिली 103 में से सिर्फ दो शिकायतों का निदान किया है। वहीं दक्षिण दिल्ली नगर निगम भी दो ही शिकायतों को हल कर सकी जबकि उसे 88 शिकायतें मिली थीं।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम को 20 शिकायतें मिली जिसमें से उसने सात का निदान किया। वहीं दिल्ली विकास प्राधिकरण 20 में से एक और लोक निर्माण विभाग 15 में से दो शिकायतों को हल कर सका। उत्तर प्रदेश में एनसीआर की एजेंसियों को 43 शिकायतें मिली जिनमें से सिर्फ छह को हल किया जा सका।
वहीं हरियाणा में एजेंसियों को वायु प्रदूषण से संबंधित 86 शिकायतें मिली जिसमें से 15 का निदान हुआ जबकि राजस्थान में एजेंसियों को मिली 12 शिकायतों में से एक का भी समाधान नहीं किया गया।
जीआरएपी के तहत प्रदूषण रोधी उपाय किए जाते हैं, जिनका अनुसरण दिल्ली और उसके आसपास के शहर करते हैं। इसे मध्य अक्टूबर में तब लागू किया गया था जब मौसम की विपरीत स्थितियों और पराली जलाने की वजह से क्षेत्र में वायु प्रदूषण का स्तर खराब होना शुरू हो गया था।
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