महाराष्ट्र के एक गांव में तेंदुए से परेशान लोग, अब तक तीन लोगों की ले चुका है जान
By भाषा | Published: December 3, 2020 05:24 PM2020-12-03T17:24:03+5:302020-12-03T17:24:03+5:30
औरंगाबाद (महाराष्ट्र) तीन दिसम्बर कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण जहां सामाजिक दूरी बनाना समय की मांग बन गई है, वहीं महाराष्ट्र के बीड जिले के किन्ही गांव में तेंदुए के डर से लोगों को समूह में रहना पड़ रहा है।
अधिकारी ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए इलाके में 100 से अधिक वन कर्मियों को तैनात किया गया है। तेदुंआ यहां अभी तक एक बच्चे सहित तीन लोगों पर घातक हमला कर चुका है।
एक स्थानीय निवासी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि गांव वाले काफी डरे हुए हैं और खेत में अपने दैनिक कार्य भी नहीं कर पा रहे।
अधिकारी ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए इलाके में 100 से अधिक वन कर्मियों का तैनात किया गया है। औरंगाबाद, जुन्नर, पुणे और अमरावती से दलों को बुलाया गया है।
स्थानीय निवासी गोकुल ने बताया कि तेंदुए की मौजूदगी की वजह से वे घरों में रहने को मजबूर हैं। फसलों को पानी देने भी नहीं जा पा रहे।
इस बीच, सरपंच परिषद के प्रदेश अध्यक्ष दत्ता काकड़े ने कहा कि गांव वाले शाम छह बजे के बाद घरों से नहीं निकल रहे और गांव के युवकों को इलाके की पहरेदारी करने का काम दिया गया है।
काकड़े ने कहा, ‘‘ अष्टी तहसील की ग्राम पंचायतों ने एक साथ आकर जिला कलेक्टर से तेंदुए को मारने या कम से कम उसे पकड़ने की अनुमति मांगी है। हमने तेंदुए के हमले में मारे गए लोगों के परिवारों को वित्तीय मदद मुहैया कराने की मांग भी की है।’’
किन्ही गांव के सरपंच राहुल काकड़े ने कहा, ‘‘ हम तीन पेरशानियों का एक साथ सामना कर रहे हैं, कोरोना वायरस, तेंदुआ और बिजली की समस्या। लोग गांव से बाहर भी नहीं जा सकते क्योंकि तेंदुआ कहीं भी हो सकता है।’’
वहीं, महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कम्पनी (एमएसईडीसीएल) के अधिकारियों से गांव में बिजली की समस्या के बारे में जानने के लिए कोई सम्पर्क नहीं हो सका।
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