Jammu: कश्मीर आने वालों का रूख एलओसी की ओर क्योंकि एलओसी के गांव हैं पर्यटकों के नए ठिकाने
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: May 31, 2024 15:27 IST2024-05-31T15:24:58+5:302024-05-31T15:27:14+5:30
Jammu: कश्मीर आने वाले पर्यटकों के ठिकाने अब बदलते जा रहे हैं।

फाइल फोटो
Jammu: कश्मीर आने वाले पर्यटकों के ठिकाने अब बदलते जा रहे हैं। डल झील, गुलमर्ग और पहलगाम के नारे देखने के बाद उनके कदम भारत पाकिस्तान को बांटने वाली एलओसी से सटे उन गांवों की ओर उठने लगे हैं जो बेहद खूबसूरत होने के साथ ही अभी तक अछूते रहे हैं। यह सच है कि कश्मीर के प्रमुख पर्यटन स्थल पर पर्यटकों की भीड़ उमड़ने के कारण, पर्यटक कश्मीर के एलओसी टूरिज्म का आनंद लेने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों की ओर रुख कर रहे हैं।
मई के मध्य तक कश्मीर में दस लाख से अधिक पर्यटक आ चुके हैं, जिसके कारण कश्मीर के अधिकांश पर्यटन स्थल पर्यटकों से खचाखच भरे हुए हैं। होटल और अन्य आवास भी आने वाले महीने के लिए बुक हो चुके हैं। ऐसे में कई पर्यटक कश्मीर के सीमावर्ती पर्यटन का आनंद लेने के लिए कश्मीर के बाहरी इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं, जो पिछले कुछ वर्षों से चर्चा में है।
गुरेज से लेकर केरन, उड़ी और तंगधार तक, इन सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ रही है, जहां पर्यटक शांत वातावरण और कुंवारी सुंदरता का आनंद ले रहे हैं। गुरेज वर्तमान में पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा जगह है, जो विभिन्न प्रकार के परिदृश्यों का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में इस गंतव्य पर आते हैं।
स्थानीय सेवा प्रदाता गुलाम नबी खान का कहना था कि गुरेज हाल ही में सर्दियों की छुट्टियों के बाद पर्यटकों के लिए खोला गया है। पिछले कुछ वर्षों से हमारे यहां अच्छी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। इस साल अब तक यहां पर्यटकों की संख्या उत्साहजनक रही है।
इसी तरह, उत्तरी कश्मीर के केरन और तंगधार इलाकों में भी पर्यटकों की अच्छी खासी तादाद है। स्थानीय निवासी फिरोज अहमद खान के बकौल, केरन में कई होमस्टे खुल गए हैं। भारत के अलग-अलग राज्यों से पर्यटक यहां आते हैं और लोगों की मेहमाननवाजी का लुत्फ उठाते हैं।
यह जगह उन पर्यटकों को एक शानदार अनुभव देती है, जो कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों को देखना चाहते हैं। हाल ही में अपने खूबसूरत नजारों के लिए चर्चा में आए उड़ी में भी इस मौसम में पर्यटकों की अच्छी खासी तादाद है। गेस्ट हाउस के मालिक सुहीम अहमद भट बताते थे कि इस जगह पर बहुत कम भीड़ होती है और पर्यटक यहां ऑफ-रोडिंग के लिए आते हैं।
वे कमान पोस्ट और उड़ी के दूसरे इलाकों में प्राकृतिक खूबसूरती को देखने आते हैं। इस इलाके में कई ट्रैकिंग स्पॉट भी हैं, जिन्हें पर्यटक खूब पसंद करते हैं। इस बीच, सरकार ने भी जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती और ऑफबीट डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने के लिए एक अभियान शुरू किया है।
कश्मीर पर्यटन निदेशक राजा याकूब कहते थे कि आप देखेंगे कि दूधपथरी और दूसरी जगहों जैसी ऑफबीट जगहों को भी खूब देखा जा रहा है और वहां बड़ी संख्या में पर्यटक आ रहे हैं। हम कश्मीर के पर्यटन उद्योग के समग्र विकास के लिए ऐसे स्थानों को बढ़ावा दे रहे हैं।