पटाखों की बिक्री पर दिल्ली सरकार के फैसले से पटाखा उद्योग से जुड़े लोग चिंतित

By भाषा | Updated: September 21, 2021 17:31 IST2021-09-21T17:31:42+5:302021-09-21T17:31:42+5:30

People associated with the firecracker industry are worried about the decision of the Delhi government on the sale of firecrackers. | पटाखों की बिक्री पर दिल्ली सरकार के फैसले से पटाखा उद्योग से जुड़े लोग चिंतित

पटाखों की बिक्री पर दिल्ली सरकार के फैसले से पटाखा उद्योग से जुड़े लोग चिंतित

शिवकाशी (तमिलनाडु), 21 सितंबर तमिलनाडु के शिवकाशी में पटाखा उद्योग पर निर्भर लोगों को उम्मीद है कि राष्ट्रीय राजधानी पटाखों की बिक्री पर अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगी और वे दुआ कर रहे हैं कि कोई अन्य राज्य पटाखों के खिलाफ दिल्ली सरकार द्वारा उठाये गये कदम कर अनुकरण नहीं करेगा।

उल्लेखनीय है कि कुछ ही दिन पहले दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की चिंताओं को लेकर त्योहार के लिए पटाखों की बिक्री व भंडारण पर प्रतिबंध लगा दिया।

तमिलनाडु फायरवर्क्स ऐंड एमोरसेस मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के प्रमुख पी गनेशन ने दिल्ली सरकार द्वारा उठाये गये कदम के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘दिल्ली सरकार के प्रतिबंध के लिए क्या आधार है? हमें इसका (पटाखों का) विनिर्माण करने की अनुमति दी गई थी और अब अचानक उन्होंने यह फैसला किया है। ’’

उन्होंने कहा कि पटाखों का उत्पादन सरकार के नियमों का सख्त अनुपालन करते हुए और हरित पटाखों सहित अन्य पटाखों के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए किया जा रहा है।

उन्होंने कहा , ‘‘पिछले साल कोविड-19 महामारी की पहली लहर के बाद राजस्थान और दिल्ली सरकार सहित अन्य राज्यों ने पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया था। राजस्थान और दिल्ली सहित कम से कम सात राज्यों के पास बिक्री नहीं हुए पटाखों के करोड़ों रुपये के भंडार हैं। हम दिल्ली सरकार और अन्य से दिवाली पर दो घंटों के लिए नियमों के अनुरूप पटाखों का इस्तेमाल करने देने का आग्रह करते हैं। ’’

गणेशन ने कहा, ‘‘ यह बहुत जरूरी है इस तरह के बाजार भंडार की खपत करे ताकि वे अगले साल त्योहार के लिए हमारे पास आए और हम उन क्षेत्रों से अभी व्यापार करने की उम्मीद नहीं कर रहे हैं।’’ इस साल चार नवंबर को दिवाली मनाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि पटाखा उद्योग करीब 6,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें दिल्ली करीब 15 प्रतिशत की खपत करती है।

उन्होंने कहा कि महामारी भी एक वजह है जिसके चलते पटाखों के उत्पादन में कटौती करनी पड़ी।

देश में पटाखा उद्योग के केंद्र शिवकाशी सहित तमिलनाडु के विरूद्धनगर क्षेत्र में विभिन्न आकार के पटाखों की करीब 1,070 उत्पादन इकाइयां और 1,000 से अधिक व्यापारी हैं।

विमल फायरवर्क्स फैक्टरी से संबद्ध राजू ने कहा कि साल में इस समय पटाखों को देश के विभिन्न हिस्सों में भेजने की प्रक्रिया पूरे जोरशोर से चलती थी।

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Web Title: People associated with the firecracker industry are worried about the decision of the Delhi government on the sale of firecrackers.

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