केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली बोले- दो देशों में जंग के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ रहे क्रूड ऑयल के दाम
By मनाली रस्तोगी | Published: March 8, 2022 05:42 PM2022-03-08T17:42:31+5:302022-03-08T17:46:04+5:30
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने मंगलवार को बताया कि तेल के दामों को तेल कंपनियां बैठक में निर्धारित करती हैं। दो देशों के युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे हैं।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने मंगलवार को कहा कि तेल कंपनियां बैठक में तेल के दामों को निर्धारित करती हैं। दो देशों के युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे हैं। 1-2 दिन में जब तेल कंपनियां बैठक करेंगी तो लोगों को संदेश
ज़रूर मिल जाएगा। बता दें कि तेली का ये बयान केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि तेल की कीमतें वैश्विक कीमतों से निर्धारित होती हैं।
Petroleum Ministry with oil companies decide the rate of oil, it's yet to happen. People are aware that oil prices are increasing amid the ongoing war. As & when the meeting takes place you (people) will be informed about the prices: Rameswar Teli, MoS, Petroleum and Natural Gas pic.twitter.com/rNHreZLz5y
— ANI (@ANI) March 8, 2022
पुरी ने कहा था कि देश (यूक्रेन) के एक हिस्से में युद्ध जैसे हालात हैं। तेल कंपनियां इसमें शामिल होंगी। हम अपने नागरिकों के सर्वोत्तम हित में निर्णय लेंगे। उन्होंने ये भी कहा था कि यह कहना गलत होगा कि हमने चुनाव की वजह से कीमतें नहीं बढ़ाई थी।तेल की कीमतों को लेकर कंपनियों को तय करना है क्योंकि उन्हें भी बाज़ार में बने रहना है।
उन्होंने आगे कहा कि एक हमारे युवा नेता है, वे कहते हैं कि जल्द ही अपनी टंकी भरवा लीजिए। चुनाव ख़त्म हो गए हैं। सवाल पूछा गया कि टंकियां भरवा लीजिए क्योंकि तेल के दाम बढ़ने वाले हैं। टंकी अभी भरवा लो या बाद में भरवा लो, कभी ना कभी तो चुनाव आएगा।
बता दें कि वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट कच्चा तेल, अमेरिकी तेल बेंचमार्क रविवार शाम को बढ़कर 130.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। यह जुलाई, 2008 के बाद कच्चे तेल का उच्चतम स्तर है। गौरतलब है कि भारत अपनी कच्चे तेल की 85 प्रतिशत जरूरत आयात के जरिये पूरा करता है। मालूम हो, सोमवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 140 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई, जोकि साल 2008 के बाद से अब रिकॉर्ड हाई है।