lockdown: मंडी नहीं पहुंचे आड़ू, किसानों को भारी नुकसान होने का डर

By भाषा | Updated: April 27, 2020 17:24 IST2020-04-27T17:24:23+5:302020-04-27T17:24:23+5:30

किसान अपनी आड़ू की फसल मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का यह इलाका यूं तो गन्ने और आम की खेती के लिए विशेष तौर पर पहचान रखता है, लेकिन यहां आड़ू भी उतने ही मशहूर हैं।

peach fruit did not reach Mandi farmers suffered heavy losses | lockdown: मंडी नहीं पहुंचे आड़ू, किसानों को भारी नुकसान होने का डर

आम और गन्ने के साथ आड़ू की बड़े पैमाने पर खेती की है। क्षेत्र के दो हजार से अधिक किसान हर साल आड़ू उगाते हैं। (Photo-social media)

Highlightsउत्तर प्रदेश के मेरठ में आड़ू किसानों को इस देशव्यापी लॉकडाउन (बंद) की वजह से भारी नुकसान का डर सता रहा है।दरअसल वह अपनी आड़ू की फसल मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं।

मेरठ:उत्तर प्रदेश के मेरठ में आड़ू किसानों को इस देशव्यापी लॉकडाउन (बंद) की वजह से भारी नुकसान का डर सता रहा है। दरअसल वह अपनी आड़ू की फसल मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का यह इलाका यूं तो गन्ने और आम की खेती के लिए विशेष तौर पर पहचान रखता है, लेकिन यहां आड़ू भी उतने ही मशहूर हैं। भारतीय किसान संघ के क्षेत्रीय सचिव चौधरी जगदेव सिंह ने कहा, ‘‘मेरठ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने सब्जियों, आम और गन्ने के साथ आड़ू की बड़े पैमाने पर खेती की है। क्षेत्र के दो हजार से अधिक किसान हर साल आड़ू उगाते हैं।

इनके उत्पादन का बड़ा हिस्सा दिल्ली की आजादपुर सहित दूसरी मंडियों में जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बंद की वजह से आवाजाही पर रोक है। ऐसे में आड़ू की फसल पेड़ों पर ही सड़ने लगी है। आड़ू जल्द खराब होने वाली फसल है। यदि फसल तैयार होने के 15 दिन के अंदर इसे मंडी नहीं पहुंचाया तो पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी। फल पककर पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं।

लेकिन किसानों की सबसे बड़ी दिक्कत फसल को मंडी तक पहुंचाने की है।’’ इस बारे में स्थानीय नेता और प्रदेश के पूर्व सिंचाई मंत्री मंत्री एवं आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष डॉ. मैराजुददीन का कहना है कि सरकार को किसानों के आड़ू तत्काल मंडियों तक पहुंचाने का प्रबंध करना चाहिए, नहीं तो इसके किसान बर्बाद हो जाएंगे।

उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा कि खाने के अलावा आड़ू का प्रसंस्करण करके जैम, जूस, जैली, केक और अन्य कई पेय पदार्थ बनाए जाते हैं। लेकिन बंद के चलते प्रसंस्करण इकाइयां भी बंद हैं। 

Web Title: peach fruit did not reach Mandi farmers suffered heavy losses

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