पीडीपी ने परिसीमन आयोग को लिखा पत्र, पार्टी के कार्यवाही से दूर रहने की जानकारी दी

By भाषा | Updated: July 6, 2021 15:16 IST2021-07-06T15:16:34+5:302021-07-06T15:16:34+5:30

PDP wrote a letter to the Delimitation Commission, informed about the party's stay away from the proceedings | पीडीपी ने परिसीमन आयोग को लिखा पत्र, पार्टी के कार्यवाही से दूर रहने की जानकारी दी

पीडीपी ने परिसीमन आयोग को लिखा पत्र, पार्टी के कार्यवाही से दूर रहने की जानकारी दी

श्रीनगर, छह जुलाई पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती नीत ‘पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी’ (पीडीपी) ने मंगलवार को कहा कि उसने जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग के पास ‘‘संवैधानिक तथा कानूनी जनादेश’’ का अभाव होने और इस पूरी कार्यवाही से जम्मू-कश्मीर के लोगों का राजनीतिक निशक्तीकरण होने के मद्देनजर उससे मुलाकात ना करने का फैसला किया है।

पीडीपी के महासचिव गुलाम नबी लोन हंजूरा ने आयोग को लिखे दो पृष्ठ के पत्र में आयोग का नेतृत्व कर रहीं न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने कार्यवाही से दूर रहने का फैसला किया है और वह ‘‘ ऐसी किसी कार्यवाही का हिस्सा नहीं होगी, जिसके परिणाम व्यापक रूप से पूर्व नियोजित माने जा रहे हैं और जिससे हमारे लोगों के हित प्रभावित हो सकते हैं।’’

पत्र की शुरुआत पांच अगस्त 2019 को केन्द्र सरकार के पूर्ववर्ती राज्य से विशेष दर्जा वापस लेने और उसे दो केन्द्र शासित प्रदेश में बांटने के फैसले को रेखांकित करने के साथ हुई। पीडीपी ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को ‘‘ अवैध एवं असंवैधानिक तरीके से’’ निरस्त कर, जम्मू-कश्मीर के लोगों को ‘‘उनके वैध संवैधानिक तथा लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित’’ किया गया।

हंजूरा ने पत्र में कहा , ‘‘ हमारा मत है कि परिसीमन आयोग के पास संवैधानिक तथा कानूनी जनादेश का अभाव है और इसके अस्तित्व तथा उद्देश्यों ने जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक निवासी को कई सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।’’

यह पत्र आयोग को ई-मेल के जरिए भेजा गया और निजी रूप से भी उन तक पहुंचाया गया। तीन सदस्यीय परिसीमन आयोग केन्द्र शासित प्रदेश में मंगलवार को विभिन्न राजनेताओं से मुलकात करेगा।

पीडीपी ने दावा किया कि ऐसी आशंकाएं हैं कि परिसीमन की कार्यवाही जम्मू-कश्मीर के लोगों के राजनीतिक निशक्तीकरण की समग्र प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसे केंद्र सरकार ने शुरू किया है। भाजपा का नाम लिए बिना पीडीपी ने आरोप लगाया कि इस कार्यवाही का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में ‘‘ एक विशेष पार्टी ’’ के उद्देश्यों को साकार करना है, अन्य चीजों की तरह, लोगों के विचारों और इच्छाओं को सबसे कम तवज्जो दी जाएगी।

उसने कहा, ‘‘ व्यापक रूप से ऐसा माना जा रहा है कि इस कार्यवाही की रूपरेखा और परिणाम पहले से निर्धारित हैं और यह महज बस औपचारिकता मात्र है। हर एक कदम सवालों के घेरे में है।’’

पीडीपी ने कहा कि ‘‘ जम्मू-कश्मीर के लोगों के इतने अपमान, हमारे संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों को कम करने, राजनीतिक नेतृत्व तथा आम नागरिकों की बदनामी करने और उन्हें कैद में रखने के बावजूद, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, हम उसमें शामिल हुए।

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Web Title: PDP wrote a letter to the Delimitation Commission, informed about the party's stay away from the proceedings

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