पीडीपी सांसद नजीर अहमद ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी, कहा- कश्मीर का जायजा लेने के लिए भेजा जाए मंत्रियों का ग्रुप
By विनीत कुमार | Published: October 10, 2019 03:27 PM2019-10-10T15:27:16+5:302019-10-10T15:27:16+5:30
पीडीपी सांसद नजीर अहमद राज्य सभा के सांसद है। वह पांच अगस्त को भी चर्चा में आये थे जब आर्टिकल-370 हटाने को लेकर प्रस्ताव पर जारी चर्चा के दौरान हंगामे के कारण उन्हें सदन से बाहर भेज दिया गया था।
पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के नेता और सांसद नजीर अहमद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मंत्रियों के एक ग्रुप को स्थिति का जायजा लेने के लिए कश्मीर भेजने की गुजारिश की है। नजीर अहमद ने अपनी चिट्ठी में पीएम मोदी को लिखा है कि मंत्रियों का ग्रुप कश्मीर भेजा जाए ताकि स्थिति का जायजा वे ले सकें और कश्मीर घाटी में इंटरनेट सर्विस पूरी तरह से शुरू करने के साथ-साथ आर्टिकल 370 हटाये जाने के बाद हिरासत में लिये गये लोगों को भी छोड़ा जा सके।
नजीर अहमद राज्य सभा सांसद है। वह पांच अगस्त को भी चर्चा में आये थे जब आर्टिकल-370 हटाने को लेकर प्रस्ताव पर जारी चर्चा के दौरान हंगामे के कारण उन्हें सदन से बाहर भेज दिया गया था। वहीं, एक और सांसद फैयाज अहमद ने भी अपना कुर्ता फाड़ दिया था।
J&K Peoples Democratic Party Member of Parliament, Nazir Ahmad Laway writes to PM urging him 'to send Group of Ministers to Kashmir to assess the situation,to fully restore telecommunication&Internet services in Kashmir Valley& release persons detained after revocation of Art370' pic.twitter.com/nsagQhN4qC
— ANI (@ANI) October 10, 2019
नजीर अहमद राज्य सभा सांसद है। वह पांच अगस्त को भी चर्चा में आये थे जब आर्टिकल-370 हटाने को लेकर प्रस्ताव पर जारी चर्चा के दौरान हंगामे के कारण उन्हें सदन से बाहर भेज दिया गया था। वहीं, एक और सांसद फैयाज अहमद ने भी अपना कुर्ता फाड़ दिया था।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाये जाने के बाद से ही राज्य में कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था। साथ ही अलगाववादियों, कार्यकर्ताओं और वकीलों समेत हजार से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था। इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री- फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।
यही नहीं करीब 250 लोग जम्मू-कश्मीर के बाहर जेल भेजे गए। फारुक अब्दुल्ला को बाद में लोक सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया जबकि अन्य नेताओं को दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत हिरासत में लिया गया। हालांकि, अब कई लोगों को धीरे-धीरे बदले हालात को देखते हुए रिहा किया जा रहा है।
आर्टिकल-370 हटने के बाद से राज्य में संचार व्यवस्था भी काफी प्रभावित हुई। राज्य में कई दिनों तक फोन और दूसरे संचार के माध्यम बंद रहे। फिलहाल, लैंडलाइन फोन को राज्य में ज्यादातर जगहों पर फिर से शुरू कर दिया गया है। साथ ही सरकारी कार्यालय, स्कूल और कई कॉलेज भी दोबारा खोले जा चुके हैं। हालांकि, मोबाइल और इटरनेट सर्विस अब भी ज्यादातर इलाकों में बंद है।