NSC चीफ पीसी मोहनन का आरोप, मोदी सरकार नहीं कर रही थी नौकरियों के आंकड़े जारी
By स्वाति सिंह | Published: January 30, 2019 03:47 PM2019-01-30T15:47:59+5:302019-01-30T15:47:59+5:30
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय अंतर्गत आयोग में सात सदस्य काम करते हैं, जिनमें से दो सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है जबकि तीन पद पहले से ही खाली हैं।
राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो स्वतंत्र सदस्यों पी सी मोहनन और जे वी मीनाक्षी ने सरकार के साथ कुछ मुद्दों पर असहमति होने के चलते इस्तीफा दे दिया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मोहनन आयोग के कार्यकारी चेयरपर्सन भी थे।
दो सदस्यों के छोड़ने के बाद अब आयोग में केवल दो सदस्य- मुख्य सांख्यिकीविद प्रवीण श्रीवास्तव और नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत बचे हैं। अधिकारी ने कहा, 'दो सदस्यों ने राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग आयोग से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 28 जनवरी 2019 को इस्तीफा दिया।' सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अधीन आने वाले आयोग में सात सदस्य होते हैं। वेबसाइट के मुताबिक, तीन पद पहले से ही खली हैं।
मोहनन ने मंगलवार को कहा, ‘‘मैंने एनएससी से इस्तीफा दे दिया है। हमें लगा कि आयोग इन दिनों अधिक प्रभावी नहीं रह गया है और हमें यह भी लगा कि हम आयोग की जिम्मेदारियों का सही से निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं।’’ केन्द्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण में कहा, ‘‘पिछले कुछ महीनों में हुई आयोग की किसी भी बैठक में इन सदस्यों ने अपनी आपत्ति जाहिर नहीं की।’’
मंत्रालय ने दी सफाई
मंत्रालय ने आगे कहा कि वह एनएससी के सुझावों पर गौर करता है और उचित कदम भी उठाता है। श्रम सर्वेक्षण के बारे में मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय जुलाई 2017 से दिसंबर 2018 तक की अवधि के लिये तिमाही आंकड़ों का प्रसंस्करण कर रहा है। इसके बाद रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी।
मंत्रालय ने कहा कि भारत के मजबूत जनसांख्यिकीय लाभ तथा करीब 93 प्रतिशत असंगठित कार्यबल को देखते हुए रोजगार के मानकों को प्राशासनिक सांख्यिकी के जरिये बेहतर करना जरूरी हो जाता है। उसने कहा, ‘‘इसी दिशा में मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि, कर्मचारी राज्य बीमा योजना और राष्ट्रीय पेंशन योजना जैसी बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सदस्यों और नये अंशदाताओं का अनुमान जारी करना शुरू किया है।’’
पिछली श्रृंखलाओं के जीडीपी आंकड़ों के बारे में मंत्रालय ने कहा कि एनएससी ने खुद ही इसे अंतिम रूप देने और प्रकाशित करने का सुझाव दिया था।
पिछली श्रृंखला के जीडीपी के आधिकारिक अनुमान की गणना 2011-12 में अपनाये गये तरीके के आधार पर की गयी और इसे राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी की सलाहकार समिति के विशेषज्ञों ने मंजूरी दी थी। बाद में एनएससी में भी इस बारे में चर्चा हुई थी।
पी चिदंबरम ने बोला हमला
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि 'इस संस्था की आत्मा को शांति मिले, जब तक कि इसका दोबारा जन्म ना हो जाए।' पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा, ' हम राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग की मौत का शोक मनाते हैं। साफ-सुथरे जीडीपी डेटा और रोजगार डेटा को रिलीज करने के लिए इसकी साहसिक लड़ाई को आभार के साथ याद करते हैं।'
We mourn the death of the National Statistical Commission and remember with gratitude its valiant fight to release untainted GDP data and employment data.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 30, 2019
उन्होंने कहा, 'इस आयोग की आत्मा को शांति मिले, जब तक कि इसका दोबारा जन्म ना हो जाए।' गौरतलब है कि सांख्यिकी आयोग के दो स्वतंत्र सदस्यों पी सी मोहनन और जे वी मीनाक्षी ने सरकार के साथ कुछ मुद्दों पर असहमति होने के चलते इस्तीफा दे दिया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। मोहनन आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष भी थे।
दो सदस्यों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि सरकार तत्काल बेरोजगारी से जुड़ी वह रिपोर्ट जारी करे जिसे उसने अपने पास रोक रखा है। कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सरकार तत्काल बेरोजगारी से जुड़ी वह रिपोर्ट जारी करे जिसे उसने अपने पास रोक रखा है।'
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'सांख्यिकी आयोग उन प्रतिष्ठित संस्थानों की कतार में शामिल हो गया है जिनको प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा बर्बाद किया है। इनमें आरबीआई, सीबीआई, सीवीसी, सीबीडीटी, ईडी और आयकर पहले से हैं।' उन्होंने कहा, 'आत्मसम्मान वाले पेशेवर लोग इस सरकार के दबाव में नहीं झुक सकते और न ही डेटा के साथ छेड़छाड़ का प्रयास कर सकते हैं। परंतु झुकने वाले नौकरशाहों का इस्तेमाल बदले की राजनीति के लिए हो सकता है। इनको आत्मसम्मान वाले पेशेवर लोगों से सीखना चाहिए।'
(भाषा इनपुट के साथ)