शक्ति प्रदर्शन के लिए शरद पवार,अजित खेमे ने बुलाई बैठकें, सुप्रिया सुले ने एनसीपी नेताओं से कहा- 83 वर्षीय योद्धा का समर्थन करें
By अनिल शर्मा | Updated: July 5, 2023 12:42 IST2023-07-05T12:28:03+5:302023-07-05T12:42:54+5:30
लबदल विरोधी कानून के प्रावधानों के तहत अयोग्यता से बचने के लिए अजीत गुट को कम से कम 36 विधायकों की आवश्यकता है। और इस बैठक में इसी का प्रयास किया जाएगा कि उनके (शरद और अजित) पास ही अधिकतम पार्टी सदस्यों को समर्थन हो।

शक्ति प्रदर्शन के लिए शरद पवार,अजित खेमे ने बुलाई बैठकें, सुप्रिया सुले ने एनसीपी नेताओं से कहा- 83 वर्षीय योद्धा का समर्थन करें
मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बनने के लिए उनसे बगावत करने वाले उनके भतीजे अजित पवार द्वारा शक्ति प्रदर्शन के लिए बैठकें बुलाई गई हैं। बैठकों से कुछ घंटों पहले दोनों नेताओं के समर्थकों की भीड़ बुधवार को दक्षिण मुंबई स्थित उनके आवासों के बाहर एकत्र हुईं।
दोनों नेताओं ने पार्टी के सभी विधायकों, सांसदों और अन्य पदाधिकारियों को उनके द्वारा बुलाई गई बैठकों में उपस्थित रहने के लिए कहा है। शरद पवार जहां वाई बी चव्हाण केंद्र में अपनी बैठक बुलाई है, वहीं अजित गुट बांद्रा के एमईटी भुजबल नॉलेज सिटी में बैठक कर रहा है। दोनों गुट अब पार्टी पर कब्जा करने के लिए आर-पार की कानूनी लड़ाई की तैयारी में हैं।
दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों के तहत अयोग्यता से बचने के लिए अजीत गुट को कम से कम 36 विधायकों की आवश्यकता है। और इस बैठक में इसी का प्रयास किया जाएगा कि उनके (शरद और अजित) पास ही अधिकतम पार्टी सदस्यों को समर्थन हो।
इस बीच एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने वीडियो संदेश जारी कर सभी एनसीपी पदाधिकारियों और नेताओं से बैठक में शामिल होने को कहा है। सुले ने 54 सेकंड के वीडियो संदेश में कहा, ''मैं आप सभी का इंतजार करूंगी। 83 वर्षीय योद्धा और हमारे प्रिय नेता शरद पवार हम सभी का मार्गदर्शन करने के लिए वहां मौजूद रहेंगे। वह हमें पार्टी की भविष्य की योजनाएं और हमारी जिम्मेदारियां बताएंगे।
विपक्ष के मुख्य सचेतक नियुक्त किए गए जितेंद्र अवहाद ने भी एक व्हिप जारी किया, जिसमें सभी विधायकों को पवार की बैठक में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया। उधर, अजित ने भी वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें कीं और कई विधायकों व अन्य को फोन किया। अजित गुट ने एनसीपी पर नियंत्रण का दावा करने की अपनी योजना के तहत पहले ही विधायकों और वरिष्ठ पदाधिकारियों से हलफनामा ले लिया है।
गौरतलब है कि रविवार को अजित पवार ने आठ एनसीपी विधायकों के साथ सेना-भाजपा सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। अजित गुट, जिसने अधिकांश विधायकों के समर्थन का दावा किया है, को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता से बचने के लिए पार्टी के 55 विधायकों में से कम से कम 36 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है।