Patanjali Controversy: "आपने मासूम लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ किया, माफी का सवाल नहीं उठता", सुप्रीम कोर्ट ने योग प्रशिक्षक रामदेव और बालकृष्ण से कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 10, 2024 02:40 PM2024-04-10T14:40:37+5:302024-04-10T14:57:18+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने योग प्रशिक्षक रामदेव और बालकृष्ण की कंपनी पतंजलि को भ्रामक विज्ञापनों के लिए दायर किये गये माफी के नये हलफनामे को खारिज कर दिया है।

Patanjali Controversy: "You played with the lives of innocent people, question of apology does not arise", Supreme Court tells yoga instructors Ramdev and Balakrishna | Patanjali Controversy: "आपने मासूम लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ किया, माफी का सवाल नहीं उठता", सुप्रीम कोर्ट ने योग प्रशिक्षक रामदेव और बालकृष्ण से कहा

फाइल फोटो

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने योग प्रशिक्षक रामदेव और बालकृष्ण की माफी के हलफनामे को नकाराजस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस ए अमानुल्लाह ने कहा हम पतंजलि को माफ नहीं करेंगेकोर्ट ने कहा कि रामदेव और बालकृष्ण के लिए माफ़ी मांगना पर्याप्त नहीं है

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने योग प्रशिक्षक रामदेव और बालकृष्ण की कंपनी पतंजलि को भ्रामक विज्ञापनों के लिए दायर किये गये माफी के नये हलफनामे को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह की पीठ ने मामले में केंद्र की प्रतिक्रिया पर असंतोष व्यक्त किया और कंपनी के संस्थापकों रामदेव और बालकृष्ण के साथ "हाथ मिलाकर" रहने के लिए राज्य के अधिकारियों को फटकार लगाई।

समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि मामले में उत्तरखंड सरकार को भी जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड लाइसेंसिंग प्राधिकरण केवल फाइलों को आगे बढ़ा रहा था और कुछ नहीं कर रहा था। राज्य के अधिकारी कोर्ट की अवमानना करने वाले रामदेव और बालकृष्ण के साथ मिले हुए हैं।

कोर्ट ने केस में रामदेव और बालकृष्ण पर बेहद सख्त टिप्पणी की और कहा कि आप लोगों के जीवन से खेल रहे हैं। कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से कहा कि जब लोगों के पास ये दवाइयां थीं और उन्हें पतंजलि द्वारा बेवकूफ बनाया जा रहा था तो आपने क्या किया? आखिर चार-पांच साल में स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी इतनी गहरी नींद में कैसे सो सकती है। आप पोस्ट ऑफिस की तरह काम कर रहे हैं।

जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस ए अमानुल्लाह ने कहा कि हमें यह क्यों नहीं सोचना चाहिए कि आप कथित अवमाननाकर्ताओं के साथ मिले हुए हैं? आप जानबूझकर अपनी आंखें बंद रखे हुए हैं। हमें अधिकारियों के लिए 'बोनाफाइड' शब्द के इस्तेमाल पर सख्त आपत्ति है और हम इसे हल्के में नहीं लेंगे। हम पतंजलि को माफ नहीं करेंगे। 

पतंजलि के माफ़ी उस कागज़ के लायक नहीं है, जिस पर वह लिखा गया है। रामदेव और बालकृष्ण के लिए माफ़ी मांगना पर्याप्त नहीं है। उन्हें अदालत के आदेश का उल्लंघन करने का परिणाम भुगतना होगा। हम इस मामले में कतई उदार नहीं बनना चाहते हैं।

कोर्ट ने कहा कि हमारे यहां दो आदमी हमसे दया चाहते हैं, लेकिन उन अनगिनत निर्दोष लोगों का क्या जिन्होंने कोरोना में पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन को देखकर या सुनकर दवा ली? और पतंजलि के एमडी बालकृष्ण और रामदेव विदेश यात्रा के झूठे दावे करके अदालत के समक्ष व्यक्तिगत उपस्थिति से बचने की कोशिश कर रहे थे।

Web Title: Patanjali Controversy: "You played with the lives of innocent people, question of apology does not arise", Supreme Court tells yoga instructors Ramdev and Balakrishna

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