फेसबुक को लेकर संसदीय समिति के सदस्यों के बीच छिड़ा वाकयुद्ध

By भाषा | Updated: August 19, 2020 05:31 IST2020-08-19T05:31:21+5:302020-08-19T05:31:21+5:30

भाजपा नेताओं के संबंध में फेसबुक के रूख के बारे में वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि समिति रिपोर्ट के बारे में फेसबुक का पक्ष सुनना चाहेगी। 

Parliamentary committee members fight over Facebook | फेसबुक को लेकर संसदीय समिति के सदस्यों के बीच छिड़ा वाकयुद्ध

फाइल फोटो

Highlightsफेसबुक के अधिकारियों को बुलाने की संभावना को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी संसदीय समिति के भाजपा और विपक्षी सदस्यों के बीच मंगलवार को नोकझोंक तेज हो गयी।सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य निशिकांत दुबे ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष का फैसला अंतिम होना चाहिए।

नई दिल्लीः फेसबुक के अधिकारियों को बुलाने की संभावना को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी संसदीय समिति के भाजपा और विपक्षी सदस्यों के बीच मंगलवार को नोकझोंक तेज हो गयी। सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य निशिकांत दुबे ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष का फैसला अंतिम होना चाहिए वहीं तृणमूल कांग्रेस सदस्य महुआ मोइत्रा ने जोर दिया कि अमेरिकी कंपनी पर जवाबदेही बनती है। 

भाजपा नेताओं के संबंध में फेसबुक के रूख के बारे में वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि समिति रिपोर्ट के बारे में फेसबुक का पक्ष सुनना चाहेगी। 

थरूर सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी समिति के अध्यक्ष हैं। समिति के समक्ष सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनी को बुलाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए मोइत्रा ने दावा किया, "फेसबुक के पूर्व कर्मचारियों ने अनौपचारिक रूप से हमसे (स्थायी समिति) से संपर्क किया और सूचित किया कि वास्तव में ये मुद्दे फेसबुक के भीतर आंतरिक रूप से सवाल-जवाब सत्र में उठाए गए थे लेकिन इसके बारे में बहुत कुछ नहीं किया गया था।” 

मोइत्रा ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि फेसबुक पर काफी हद तक जिम्मेदारी बनती है और न केवल स्थायी संसदीय समिति के लिए, बल्कि भारत के लोगों के लिए भी। वहीं दुबे ने जोर दिया कि संसदीय समिति संसद का विस्तार है, किसी पार्टी का नहीं या यह राजनीति करने का मंच नहीं है। 

उन्होंने लोकसभा के कामकाज से संबंधित नियम 270 का हवाला देते हुए कहा कि केवल अध्यक्ष ही सरकार से इतर लोगों को बुला सकते हैं। समिति में शामिल एक अन्य भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने दुबे का समर्थन करते हुए कहा कि समिति का अध्यक्ष होने के नाते थरूर को सार्वजनिक बयान देने से पहले इस मुद्दे पर समिति से परामर्श करना चाहिए था।

Web Title: Parliamentary committee members fight over Facebook

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