संसद शीतकालीन सत्रः राज्यसभा के 12 निलंबित सांसदों ने दिया धरना, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी बोले-माफी नहीं तो निलंबन वापस नहीं
By शीलेष शर्मा | Published: December 1, 2021 06:03 PM2021-12-01T18:03:33+5:302021-12-01T18:08:05+5:30
सांसद बुधवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे। जब तक निलंबन रद्द नहीं होगा, तब तक वे संसद की कार्यवाही के दौरान सुबह से शाम तक महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठे रहेंगे।
नई दिल्लीः संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में ‘अशोभनीय आचरण’ के लिए निलंबित किए गए 12 सांसदों ने इस कार्रवाई के विरोध में बुधवार को संसद परिसर में धरना दिया और कहा कि वे निलंबन रद्द होने तक प्रतिदिन विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
संसद के सोमवार को आरंभ हुए शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि तक के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था। विपक्षी दलों ने कहा कि जब तक निलंबित सांसदों की वापसी नहीं होती संसद में हंगामा जारी रहेगा।
यह निर्णय आज विपक्षी दलों ने सरकार के रुख को देखते हुए लिया। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने साफ किया कि निलंबन तभी वापस होगा, जब सभी 12 सांसद अपने आचरण को लेकर माफी मांगें। सूत्रों के अनुसार सरकार निलंबित सांसदों को किसी कीमत पर बिना माफी मांगे वापस न लेने का फैसला कर चुकी है।
Winter session of Parliament | Rajya Sabha adjourned till 12 noon following uproar by Opposition MPs
— ANI (@ANI) December 1, 2021
(Pic source: Sansad TV) pic.twitter.com/2R7UoOrisM
नतीजा विपक्ष भी कमर कस चुका है कि इस बार वह झुकेगा नहीं। आज संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास समूचे विपक्ष ने एकजुट होकर धरना दिया और नारेबाजी की। निलंबित सांसदों का समर्थन करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘तानशाही के खिलाफ हम गांधीवादी खड़े हैं। हम झुके नहीं।’’
निलंबित सांसदों में शामिल कांग्रेस नेता सैयद नासिर हुसैन ने कहा, ‘‘हम लोगों को जनता की आवाज उठाने की सजा दी गई है। सरकार की ओर से असंवैधानिक तरीके से निलंबन का प्रस्ताव लाया गया। इसको वापस लिया जाना चाहिए।’’
Leader of Opposition in Rajya Sabha Mallikarjun Kharge wrote to Chairman M Venkaiah Naidu, urging him "to resolve the issue of limited access being given to journalists for Press Gallery and Central Hall" pic.twitter.com/4faoTgHn4s
— ANI (@ANI) December 1, 2021
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की ओर से माफी के लिए कहा गया है। माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता। सदन में जनता की आवाज उठाने के लिए माफी क्यों मांगी जाएगी?’’ निलंबित सांसद और कांग्रेस नेता रिपुन बोरा ने कहा, ‘‘निलंबन का फैसला अलोकतांत्रिक है। सरकार मनमाने ढंग से निलंबन का प्रस्ताव लेकर आई। इस निलंबन को रद्द किया जाना चाहिए। हम निलंबन रद्द होने तक अपना धरना जारी रखेंगे।’’
सांसदों के हाथों में पोस्टर थे " लोकतंत्र बचाओ "और नारे लगा रहे थे तानाशाही नहीं चलेगी। इस धरने में तृणमूल कांग्रेस सांसदों की भागीदारी चौंकाने वाली थी। लगातार कांग्रेस के खिलाफ मुहिम चला रहीं ममता बनर्जी की पार्टी संसद में पहले दिन से कांग्रेस से दूरी बना कर चल रही है, लेकिन टीएमसी सांसद सौगत राय, महुआ मोइत्रा सहित दूसरे सांसद विपक्ष के धरने साथ खड़े नज़र आये।
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं।
टीएमसी सांसद डेरिक ओब्रायन ने साफ़ किया कि टीएमसी विपक्षी एकता के खिलाफ नहीं है लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि हम पिछलग्गू पार्टी की तरह किसी दल के साथ खड़े हों। उनका सीधा इशारा कांग्रेस की तरफ था, लेकिन उन्होंने कहीं कांग्रेस के नाम का उल्लेख नहीं किया। दरअसल ममता बनर्जी अब विपक्ष का संयुक्त चेहरा बनने की कोशिश में जुटी हैं।
Be it Congress or any other party, the thing is that those who are against BJP, if they'll come together, they're welcome: NCP Chief Sharad Pawar when asked if Congress will be a part of it, amid talks of a "strong alternative" in his meeting with WB CM-TMC chief Mamata Banerjee pic.twitter.com/LVfAGJ2UEr
— ANI (@ANI) December 1, 2021
इसी क्रम में वह क्षेत्रीय दलों से सीधा संपर्क साध रहीं हैं। आज जिस तरह उन्होंने मुंबई में शरद पवार से मुलाक़ात की और यूपीए के अस्तित्व को नकारते हुये कांग्रेस का नाम लिये बिना भाजपा से संघर्ष न करने का आरोप लगाया उससे साफ़ है कि ममता कांग्रेस -भाजपा को छोड़ अन्य दलों का नया मोर्चा खड़ा करना चाहती हैं। कांग्रेस खामोशी से ममता के हर कदम पर नज़र रखे हुए है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने टिप्पणी की कि 18 विपक्षी दल कांग्रेस के साथ खड़े हैं, यह राहुल द्वारा बुलाई गयी बैठक से साफ़ हो चुका है।