संसद शीतकालीन सत्रः हिमाचल प्रदेश, गुजरात और दिल्ली नगर निगम के नतीजों के साए में होगा, कल से शुरू, 17 बैठक और 16 नए विधेयक लाने की चर्चा!
By शरद गुप्ता | Published: December 6, 2022 06:15 PM2022-12-06T18:15:12+5:302022-12-06T18:56:55+5:30
कॉलेजियम सिस्टम को लेकर केंद्र सरकार और न्यायपालिका के बीच बढ़ रहे तनाव, केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग, भारत-चीन सीमा विवाद, कश्मीर में पंडितों पर हो रहे हमले और केंद्र-राज्य संबंध जैसे विषयों को उठाना चाहता है.
नई दिल्लीः बुधवार से आरंभ हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र पर बृहस्पतिवार को हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे असर डालेंगे. बुधवार को ही दिल्ली नगर निगम के नतीजे भी आने वाले हैं.
जहां सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान 16 नए विधेयक पारित कराना चाहती है.
वहीं विपक्ष कॉलेजियम सिस्टम को लेकर केंद्र सरकार और न्यायपालिका के बीच बढ़ रहे तनाव, केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग, भारत-चीन सीमा विवाद, कश्मीर में पंडितों पर हो रहे हमले और केंद्र-राज्य संबंध जैसे विषयों को उठाना चाहता है. 29 दिसंबर को सत्र खत्म होने से पहले कुल 17 दिन बैठक सदन चलेगा.
सरकार की कोशिश इतने कम समय में अधिक से अधिक विधेयक पारित कराने की होगी. 35 विधेयक संसद के सामने पहले ही लंबित हैं. इनमें से 7 विधेयकों को इस सत्र के दौरान पारित कराने की सरकार की योजना है.
वहीं 16 नए विधेयकों को संसद में रखा जाएगा. लेकिन सरकार ने डाटा प्रोटक्शन बिल, कंप्टीशन कमीशन कानून, बैंकिंग संशोधन विधेयक और दिवालिया कानून संशोधन विधेयक को इस सत्र में बहस के लिए न रखने का फैसला किया है. जिन सात पुराने विधेयकों को बहस करा कर पारित कराने की योजना है.
उनमें समुद्री लुटेरों से निपटने संबंधी एंटी मैरिटाइम पायरेसी बिल, मध्यस्थता बिल, नई दिल्ली अंतरराष्ट्रीय आर्बिट्रेशन सेंटर विधेयक, अनुसूचित जाति जनजाति संबंधी संविधान संशोधन विधेयक, बायोडायवर्सिटी विधेयक, वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन विधेयक और एनर्जी कंजर्वेशन विधेयक शामिल हैं.
जिन नए विधायकों को लाने की योजना है उनमें ट्रेडमार्क संशोधन विधेयक ज्योग्राफिकल इंडिकेशन ऑफ गुड्स विधेयक, मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी विधेयक, कैंटोनमेंट विधेयक, ओल्ड ग्रैंड रेगुलेशन विधेयक, फॉरेस्ट कंजर्वेशन संशोधन विधेयक, कोस्टल एक्वाकल्चर अथॉरिटी विधेयक, नार्थ ईस्ट वाटर मैनेजमेंट अथॉरिटी विधेयक और कलाक्षेत्र फाउंडेशन विधेयक शामिल हैं. इनके अलावा नेशनल डेंटल कमीशन विधायक और नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कमीशन विधेयक लाकर सरकार पहली बार देश में दंत चिकित्सकों और नर्स के लिए नियम और कानून बनाने जा रही है.
चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर सवाल
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया, खास तौर पर हाल ही में अरुण गोयल की रातों-रात की गई नियुक्ति पर सवाल उठाए. उन्होंने संसद सत्र के दौरान आर्थिक रूप से निर्मल समुदाय के लिए आरक्षण और बढ़ती बेरोजगारी जैसे विषयों पर भी सत्र के दौरान बहस कराने की मांग की.