Parliament Winter Session: संसद में उठी सिलक्यारा सुरंग हादसे की जांच की मांग, माकपा सांसद ने नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 4, 2023 13:54 IST2023-12-04T13:52:59+5:302023-12-04T13:54:06+5:30
हैदराबाद स्थित नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) सुरंग का निर्माण कर रहा है। माकपा सांसद ने नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

फाइल फोटो
Parliament Winter Session 2023: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्य पी वी शिवदासन ने सोमवार को राज्यसभा में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग के ढहने का मुद्दा उठाया और संबंधित कंपनी पर सुरक्षा उपायों को लागू नहीं करने का आरोप लगाते हुए इस प्रकरण की जांच की मांग की।
उत्तरकाशी सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिसमें 41 मजदूर फंस गए थे। एक बचाव दल ने 28 नवंबर को सभी फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकाला। वे लगभग 17 दिनों तक सुरग में फंसे रहे। उन्हें बचाने के लिए चलाए गए अभियान में केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियों को शामिल किया गया था। सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए शिवदासन ने इस घटना को बहुत दर्दनाक बताया और सुरंग बनाने वाली कंपनी पर सभी सुरक्षा उपायों, नियमों और मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। पी वी शिवदासन ने कहा कि पारदर्शी और निष्पक्ष जांच बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि सिलक्यारा हादसा एकमात्र घटना नहीं है और इस तरह की घटनाएं क्षेत्र में पहले भी हो चुकी हैं।
जवाब में भाजपा के अजय प्रताप सिंह ने कहा कि शिवदासन के इस घटना पर अपने विचार हो सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार गरीबों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने श्रमिकों को सफलतापूर्वक निकालने के लिए प्रधानमंत्री मोदी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, केंद्रीय मंत्री वी के सिंह और बचाव अभियान में शामिल सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
बता दें कि हैदराबाद स्थित नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) सुरंग का निर्माण कर रहा है। इस बीच, आम आदमी पार्टी के संत बलबीर सिंह ने वायु प्रदूषण का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण हर साल करीब 21 लाख मौतें होती हैं। सिंह ने कहा कि दिल्ली में एक दिन में केवल एक दिन, मुंबई में पांच दिन और चेन्नई में 15 दिन हवा साफ रही। उन्होंने कहा कि जब भी वायु प्रदूषण के बारे में बात होती है, तो इसके लिए पंजाब के किसानों द्वारा पराली जलाए जाने को जिम्मेदार ठहराया जाता है। उन्होंने कहा कि पंजाब का कोई भी किसान पराली नहीं जलाना चाहता है। उन्होंने केंद्र से किसानों को वित्तीय सहायता देने का आग्रह किया ताकि उन्हें नई बुवाई से पहले खेत की सफाई के लिए अपनी फसल नहीं जलानी पड़े।