कैबिनेट के साथ बैठक से पहले पीएम मोदी-अमित शाह ने की इन मंत्रियों से मुलाकात, जानें कौन-कौन रहा मौजूद
By अंजली चौहान | Published: September 18, 2023 04:06 PM2023-09-18T16:06:25+5:302023-09-18T16:26:57+5:30
पीएम मोदी ने संसद के विशेष सत्र के दौरान आज कैबिनेट मंत्रियों की बैठक बुलाई है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी और अन्य मंत्रियों ने कैबिनेट बैठक से पहले मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो
नई दिल्ली: आज नए संसद में पांच दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने सभी केंद्रीय मंत्रियों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। यह बैठक शाम साढ़े छह बजे तय की गई है।
विशेष सत्र के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि इस सत्र की एक विशेषता है कि 75 साल की यात्रा अब नए मुकाम से शुरू हो रही है। गौरतलब है कि कैबिनेट की बैठक से पहले संसद में अहम बैठकें हो रही हैं।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी और अन्य मंत्रियों ने कैबिनेट बैठक से पहले मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
यह बैठक पार्लियामेंट एनेक्सी भवन में होने की उम्मीद है। बैठक का एजेंडा अभी सामने नहीं आया है। बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। इस बैठक के बाद अब पीयूष गोयल और प्रल्हाद जोशी के पीएम से मिलने की उम्मीद है।
वहीं, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में 'संविधान सभा से शुरू 75 साल की संसदीय यात्रा- उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख' पर चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने आज नई इमारत में स्थानांतरित होने का जिक्र किया और कहा, "इस इमारत को अलविदा कहना एक भावनात्मक क्षण है।"
In 75 years, the most significant achievement is the increasing trust of country's common man towards the Parliament
— PIB India (@PIB_India) September 18, 2023
It is the biggest strength of democracy that same trust continues to exist towards the great institution of Parliament: PM @narendramodi… pic.twitter.com/u0eXwBFlcd
पीएम मोदी ने जवाहरलाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के समय का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपने नेतृत्व में देश को नई दिशा दी है और आज उनकी उपलब्धियों को उजागर करने का अवसर है।
इससे पहले विशेष सत्र के लिए इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक हुई। बैठक के दौरान नेताओं ने पांच दिवसीय सत्र के दौरान पार्टियों के बीच जमीनी स्तर पर समन्वय जारी रखने और मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी, मणिपुर हिंसा और सीमा पर चीनी अतिक्रमण के मुद्दों पर सरकार को घेरने का फैसला किया।
उन्होंने सरकार पर अडानी कंपनियों, किसानों के संकट, देश में आर्थिक स्थिति और जाति जनगणना से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की अनुमति देने के लिए दबाव डालने का भी फैसला किया।