Parliament Top News: अभी भी सिक्किम में रेल नेटवर्क नहीं, 320 भ्रष्ट सरकारी अफसर पर नकेल, पीएम की विदेश यात्रा पर 446.52 करोड़ खर्च
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 4, 2020 08:03 PM2020-03-04T20:03:28+5:302020-03-04T20:03:28+5:30
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सिक्किम को छोड़कर भारत के सभी राज्य इस समय भारतीय रेल नेटवर्क के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल नेटवर्क के साथ सिक्किम राज्य का संपर्क स्थापित करने के लिए सिवोक (पश्चिम बंगाल) से रंगपो (सिक्किम) तक 44 किलोमीटर लंबी नयी लाइन के काम को 2008-09 के बजट में शामिल किया गया था।
नई दिल्लीः सरकार ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि सिक्किम को छोड़कर बाकी सभी राज्य इस समय भारतीय रेल नेटवर्क से जुड़े हुए हैं और सिक्किम तक रेल संपर्क स्थापित करने की परियोजना पर काम शुरू कर दिया गया है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में प्रतापराव जाधव के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि सिक्किम को छोड़कर भारत के सभी राज्य इस समय भारतीय रेल नेटवर्क के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल नेटवर्क के साथ सिक्किम राज्य का संपर्क स्थापित करने के लिए सिवोक (पश्चिम बंगाल) से रंगपो (सिक्किम) तक 44 किलोमीटर लंबी नयी लाइन के काम को 2008-09 के बजट में शामिल किया गया था एवं परियोजना की कुल लागत 4086 करोड़ रुपये है। गोयल ने लिखित उत्तर में कहा कि मार्च, 2019 तक 646 करोड़ रुपये खर्च किये गये। परियोजना पर काम शुरू कर दिया गया है और इसमें कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
पिछले तीन साल में सेनाओं में आत्महत्या के 305 मामले दर्ज किये गये :सरकार
सरकार ने बुधवार को बताया कि देश में तीनों सेनाओं में पिछले तीन साल में आत्महत्या के कुल 305 मामले दर्ज किये गये। रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद यशो नाइक ने सैयद इम्तियाज जलील और असदुद्दीन ओवैसी के प्रश्न के लिखित उत्तर में जो आंकड़े दिये, उनके मुताबिक 2017 में वायु सेना में 21, नौसेना में 5 और सेना में 77 मामले आत्महत्या के दर्ज किये गये।
आंकड़ों के मुताबिक 2018 में वायुसेना, नौसेना और सेना में खुदकुशी के क्रमश: 16, 8 और 83 मामले दर्ज किये गये। नाइक ने बताया कि पिछले साल वायु सेना में आत्महत्या के 20 मामले दर्ज किये गये, वहीं नौसेना में दो और सेना में 73 ऐसे मामले दर्ज किये गये।
उन्होंने बताया कि डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोलॉजिकल रिसर्च (डीआईपीआर) ने 2006 से कई अध्ययन करने के बाद सशस्त्र बलों में आत्महत्या के कारणों में घरेलू और व्यक्तिगत समस्याओं, दांपत्य जीवन में विवाद, तनाव और आर्थिक समस्याओं को गिनाया है। मंत्री ने बताया कि सरकार ने सैनिकों में तनाव कम करने के लिए अनेक कदम उठाये हैं जिनमें प्रशिक्षित मनौवैज्ञानिक सलाहकारों की नियुक्ति, भोजन और परिधानों की गुणवत्ता में सुधार, तनाव प्रबंधन का प्रशिक्षण और रचनात्मक सुविधाओं के प्रावधान आदि शामिल हैं।
पिछले पांच वर्षों में प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा पर 446.52 करोड़ रुपये खर्च हुए : विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि पिछले पांच वर्ष में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्रा पर 446.52 करोड़ रुपये खर्च हुए। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि इन खर्चो में चार्टर्ड फ्लाइट का खर्च शामिल है। निचले सदन में मंत्री की ओर से पेश ब्यौरे के अनुसार, वर्ष 2015-16 में प्रधानमंत्री की यात्रा पर 121.85 करोड़ रुपये और 2016-17 में 78.52 करोड़ रुपये खर्च हुए। विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2017-18 में इस बाबत 99.90 करोड़ रुपये और 2018-19 में 100.02 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा पर 46.23 करोड़ रुपये खर्च हुए।
2014 से अब तक 320 भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को समय पूर्व सेवानिवृत्ति दी गयी :जितेंद्र सिंह
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि जुलाई 2014 से लेकर अब तक 320 भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को समय पूर्व सेवानिवृत्ति दे दी गयी है। सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि 27 फरवरी, 2020 की स्थिति के अनुसार जुलाई 2014 से जनवरी 2020 तक समूह ए के 163 अधिकारियों और समूह बी के 157 अधिकारियों के खिलाफ नियमों के तहत मामले दर्ज किये गये हैं। समूह ए के अधिकारियों में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के अफसर भी शामिल हैं। जिन प्रावधानों के तहत मामले दर्ज किये गये हैं उनमें भ्रष्ट पाये गये सरकारी बाबुओं की समय-समय पर समीक्षा और समय पूर्व सेवानिवृत्ति की नीति निर्दिष्ट है।
लोकसभा में ‘भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान विधियां संशोधन विधेयक पेश
लोकसभा में बुधवार को विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ‘भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान विधियां (संशोधन) विधेयक, 2020’ पेश किया गया । निचले सदन में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने इसे पेश किया। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों के अनुसार, उक्त अधिनियम सार्वजनिक निजी साझेदारी की रीति में बीस भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान स्थापित करने के लिये अधिनियमित किया गया है।
इसके तहत पहले राष्ट्रीय महत्व की संस्थाओं के रूप में 15 ऐसे संस्थान निगमित किये गए थे। सरकार ने पांच और संस्थानों को इनमें सम्मिलित करने का निश्चय किया है। ये सोसाइटी के रूप में भागलपुर (बिहार), सूरत (गुजरात), रायचुर (कर्नाटक), भोपाल (मध्य प्रदेश) और अगरतला (त्रिपुरा) में स्थापित किये जा चुके हैं। उक्त अधिनियम के तहत ये राष्ट्रीय महत्ता के संस्थान हैं। प्रस्तावित विधान, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान अधिनियम 2014 की धारा 41 की उपधारा 3 में प्रत्यक्ष गलती में सुधार करने का उपबंध करता है जिससे स्पष्टता के लिये ‘निर्वाचित’ शब्द के स्थान पर ‘नामनिर्दिष्ट’ शब्द रखा जा सके।
पिछले दो साल में आईएएस अधिकारियों के खिलाफ सांसदों से संबंधित प्रोटोकॉल उल्लंघन की 29 शिकायतें दर्ज :सरकार
पिछले लगभग दो वर्ष में आईएएस अधिकारियों के खिलाफ सांसदों से संबंधित प्रोटोकॉलों के उल्लंघन के मामले में 29 शिकायतें दर्ज की गई हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों ने शिकायतें दर्ज कराई हैं। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इन शिकायतों में से सर्वाधिक 10 शिकायतें उत्तर प्रदेश से संबंधित घटनाओं की हैं। इनके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल तथा राजस्थान से चार-चार, ओडिशा और मध्य प्रदेश से दो-दो तथा आंध्र प्रदेश, बिहार, केरल, महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ एवं गुजरात से एक-एक शिकायत दर्ज की गयी हैं।
अखिल भारतीय सेवा के नियमों में सांसदों और राज्यों के विधायकों के संबंध में आईएएस अधिकारियों के लिए प्रक्रिया निर्धारित है। नियमों का उल्लंघन करने पर आईएएस अधिकारियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है। मध्य प्रदेश के राजगढ़ की कलेक्टर से जुड़ी एक घटना पर सिंह ने कहा कि वहां जनवरी में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की गयी थी। कलेक्टर ने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर कुछ प्रदर्शनकारियों के साथ मारपीट की थी। सिंह के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार ने सूचित किया है कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ में पीआईएल दाखिल की गयी है जिसमें राजगढ़ कलेक्टर पर 19 जनवरी को एकत्रित भीड़ पर निषेधाज्ञा लागू करते समय की गयी कथित कार्रवाई का हवाला दिया गया है।