संसद का मानसून सत्रः बारी-बारी से सदन में आएंगे सांसद, वेंकैया नायडू, ओम बिड़ला सत्र के लिए बना रहे हैं ये नया फॉर्मूला
By हरीश गुप्ता | Published: June 8, 2020 06:43 AM2020-06-08T06:43:31+5:302020-06-08T06:43:31+5:30
Parliament Monsoon Session: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति नायडू ने सांसदों के बारी-बारी से सत्र में उपस्थित रहने के फॉर्मूले को लेकर विभिन्न दलों के साथ संपर्क शुरु कर दिया है.
नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र में सांसद आएंगे तो सही, लेकिन बारी-बारी से. कोविड-19 महामारी के कारण उपजी परिस्थितियों में यह ऐतिहासिक नजारा देखने को मिल सकता है. इस नए फॉर्मूले पर राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला गंभीरता से मंथन कर रहे हैं. सुरक्षित दूरी को महत्व देने वाले इस फॉर्मूले को कई पार्टियों की सहमति बताई जाती है. फॉर्मूला मंजूर हो जाता है तो एक वक्त में संसद के सदनों में पार्टी की क्षमता के मुताबिक आधे या तकरीबन एक तिहाई सदस्य मौजूद रहेंगे. इस संक्षिप्त सत्र में कोई भी विवादित बिल पेश नहीं किया जाएगा.
लोकमत समूह को मिली जानकारी के मुताबिक उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति नायडू ने सांसदों के बारी-बारी से सत्र में उपस्थित रहने के फॉर्मूले को लेकर विभिन्न दलों के साथ संपर्क शुरु कर दिया है. नया प्रस्ताव पहले के दो प्रस्तावों के बाद का है, जिनमें लोकसभा सत्र सेंट्रल हॉल में और राज्यसभा सत्र लोकसभा चैम्बर्स में रखने की बात की गई थी. वैकल्पिक व्यवस्था के तहत लोकसभा सत्र विज्ञान भवन और राज्यसभा सत्र लोकसभा चैम्बर्स में होगा.
राज्यसभा में शिवसेना के नेता संजय राऊत ने लोकमत समूह को बताया कि नायडू ने उनसे तीन दिन पहले इस विषय में बात की थी. उन्होंने कहा, ''हमें इस पद्धति को लेकर कोई भी आपत्ति नहीं है.'' इसी तर्ज पर लोकसभा अध्यक्ष बिड़ला ने भी पार्टियों से बातचीत शुरु कर दी है.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा- हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं
संपर्क साधे जाने पर लोकसभा में 54 सदस्यीय कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ''माननीय अध्यक्ष महोदय के साथ इस विषय पर बातचीत हुई है. हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है.'' उन्होंने कहा कि सांसद एक दिन छोड़कर या फिर तीन दिन में एक बार संसद में मौजूद रह सकेंगे. यानी एक तिहाई सांसद एक खास दिन आएंगे और बाकी के अगले दो दिन. उन्होंने कहा, '''यह आदर्श स्थिति तो नहीं कही जा सकती, लेकिन बाध्यताओं को देखते हुए कोई और विकल्प नहीं है. ''
सत्र संक्षिप्त होगा
यह संसद सत्र हर छह माह में सत्र के आयोजन की संवैधानिक जरुरत को पूरा करने के लिए होगा. पिछला सत्र 23 मार्च को हुआ था और अगला सत्र 23 सितंबर के पहले होना जरुरी है.