Parliament Ki Khabar: दिल्ली हिंसा पर हंगामे की वजह से संसद में मोदी सरकार ने लिया 'गिलोटिन' का फैसला, जानें क्या होता है 'गिलोटिन'

By अनुराग आनंद | Updated: March 6, 2020 10:48 IST2020-03-06T10:48:43+5:302020-03-06T10:48:43+5:30

दिल्ली हिंसा पर हो रहे हंगामे के बीच सांसद में अहम बिल व बजट को पास कराने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार के पास कम समय है,  इसीलिए सदन में सरकार अब गिलोटिन के माध्यम से बिल व बजट को पास कराने का काम करेगी।

Parliament Ki Khabar: narendra Modi government takes 'guillotine' decision in Parliament due to uproar over Delhi violence, know what is 'guillotine' | Parliament Ki Khabar: दिल्ली हिंसा पर हंगामे की वजह से संसद में मोदी सरकार ने लिया 'गिलोटिन' का फैसला, जानें क्या होता है 'गिलोटिन'

सदन में गिलोटिन के माध्यम से पास होगा बिल

Highlightsनरेंद्र मोदी सरकार ने भी मार्च 2018 को गिलोटिन के तहत 2 बिल व 218 अमेंडमेंट को पास कराया था।इससे पहले भी यूपीए-2  के समय में भी हंगामे के बीच 18 बिल  गिलोटिन के माध्यम से पारित कराए गए थे।

नई दिल्लीःदिल्ली हिंसा को लेकर विपक्षी दलों द्वारा सदन में हंगामे के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बिना किसी व्यवधान के बिल को पास कराने के लिए नया व बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने दिल्ली हिंसा पर बुधवार को लोकसभा और गुरुवार को राज्यसभा में चर्चा का प्रस्ताव रखा है।  

सोमवार और मंगलवार को होली के कारण संसद की छुट्टी है। ऐसे में अहम बिल व बजट को पास कराने के लिए सरकार के पास कम समय बचेगा।  इसीलिए सदन में नरेंद्र मोदी सरकार अब गिलोटिन के माध्यम से बिल को पास कराने का काम करेगी। सरकार ने सभी मंत्रालयों के अनुदान मांगों को पास कराने के लिए यह फैसला लिया है। 

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, सरकार के सामने चुनौती यह भी है कि उसे इस हंगामे के वावजूद 3 अप्रैल से पहले बजट पास कराना है। ऐसे में सरकार ने फैसला लिया है कि 16 मार्च का सदन में गिलोटिन होगा। इसके बाद सरकार को राज्यसभा में 14 और दिन मिल जाएंगे। इससे सरकार को बिल पास कराने में असान होगा। 

गिलोटिन क्या होता है-
भारतीय संविधान में बजट सत्र में मंत्रालयों के अनुदान मांगों को बिना चर्चा के पारित कराने की प्रक्रिया को 'गिलोटिन' कहा जाता है। इसके अलावा, यूरोपीय देशों में 'गिलोटिन' एक तरह का यंत्र हुआ करता था जिसका इस्तेमाल मौत की सजा में होता है। लेकिन, बाद में इस शब्द को कई अलग-अलग अर्थों में इस्तेमाल होने लगा है। वहीं, भारत में कई मंत्रालय हैं सभी चर्चा होना संभव नहीं इसलिए ऐसे में जिन मांगों पर चर्चा नहीं हो पाती है उस पर मतदान कराकर पारित कर दिया है जिसे गिलोटिन कहा जाता है।

पहले भी कानून पास कराने के लिए हुआ है गिलोटिन का इस्तेमाल-
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब केंद्र सरकार गिलोटिन के माध्यम से कोई कानून पास कराने जा रही है। इससे पहले भी यूपीए-2  के समय में भी हंगामे के बीच 18 बिल  गिलोटिन के माध्यम से पारित कराए गए थे।

इसके अलावा, द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, नरेंद्र मोदी सरकार ने भी मार्च 2018 को गिलोटिन के तहत 2 बिल व 218 अमेंडमेंट को पास करा दिया था। इस समय देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली थे। गिलोटिन के तहत 2 बिल व 218 संशोधन को पास कराने में सरकार को करीब आधे घंटे का समय लगा था। ये दोनों बिल व संशोधन बिना किसी चर्चा के ही सदन में पास हो गया था। 

English summary :
Parliament Ki Khabar: narendra Modi government takes 'guillotine' decision in Parliament due to uproar over Delhi violence, know what is 'guillotine'


Web Title: Parliament Ki Khabar: narendra Modi government takes 'guillotine' decision in Parliament due to uproar over Delhi violence, know what is 'guillotine'

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