कश्मीरी पंडितों के सामूहिक पलायन पर पंडित संगठन और प्रशासन आमने-सामने, जानें प्रशासन ने क्या कहा
By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 27, 2022 03:13 PM2022-10-27T15:13:11+5:302022-10-27T15:16:00+5:30
स्थानीय प्रशासन के प्रवक्ता का कहना था कि जो परिवार जम्मू गए हैं वे पहले भी सर्दियों की शुरूआत के साथ ही कश्मीर से पलायन करते थे और सिर्फ कश्मीरी पंडित ही नहीं बल्कि कई मुस्लिम परिवार भी सर्दी की परिस्थितियों से बचने की खातिर अस्थाई पलायन का रास्ता अख्तियार करते रहे हैं।
जम्मू: इस माह की 15 तारीख को शोपियां के चौधरीगुंड गांव में एक कश्मीरी पंडित की हत्या के बाद उपरांत गांव के कुछ कश्मीरी पंडित परिवारों द्वारा डर और दहशतजदा माहौल के कारण सामूहिक पलायन कर जम्मू में शरण लेने के मुद्दे पर कश्मीरी पंडित संगठन और स्थानीय प्रशासन अब आमने सामने है।
कश्मीरी पंडितों के संगठन केपीएसएस का तो यह दावा था कि एक माह में 17 कश्मीरी पंडित परिवारों ने कश्मीर का त्याग किया है जिसमें से 10 परिवार चौधरीगुंड के थे जहां से पूर्ण कृष्ण बट कश्मीरी पंडित की हत्या के बाद उन्होंने आतंकी धमकी और दहशतपूर्ण माहौल से बचने की खातिर जम्मू का रुख कर लिया। पर स्थानीय प्रशासन ऐसा नहीं मानता है।
स्थानीय प्रशासन के प्रवक्ता का कहना था कि कश्मीरी पंडित परिवारों के सामूहिक पलायन की खबरें निराधार हैं। उनका कहना था कि जो परिवार जम्मू गए हैं वे पहले भी सर्दियों की शुरूआत के साथ ही कश्मीर से पलायन करते थे और सिर्फ कश्मीरी पंडित ही नहीं बल्कि कई मुस्लिम परिवार भी सर्दी की परिस्थितियों से बचने की खातिर अस्थाई पलायन का रास्ता अख्तियार करते रहे हैं।
हालांकि प्रवक्ता का कहना था कि दुर्भाय से यह एक संयोग था कि सर्दी की शुरूआत और एक कश्मीरी पंडित की हत्या एक ही समय होने के कारण हुए पलायन को इस हत्या के साथ जोड़ लिया गया है। उनका दावा था कि कश्मीर में पंडितों की सुरक्षा की खातिर सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं। वैसे यह एक सच्चाई है कि कश्मीर में आजकल एक नए पलायन ने जन्म लिया हुआ है।
इस अस्थाई पलायन के लिए हमेशा सर्दियां ही जिम्मेदार हैं क्योंकि भयानक सर्दी के चलते और बिजली की जबरदस्त कमी के कारण कश्मीरियों का कश्मीर में जीना मुहाल होने लगा है जिस कारण वे सर्दियों की शुरूआत में ही जम्मू समेत देश के अन्य हिस्सों की ओर रुख करने लगे हैं।