कश्मीर में पंचायत नेताओं ने बिरला से अतिरिक्त सुरक्षा के लिए किया आग्रह
By भाषा | Updated: August 30, 2021 19:54 IST2021-08-30T19:54:25+5:302021-08-30T19:54:25+5:30

कश्मीर में पंचायत नेताओं ने बिरला से अतिरिक्त सुरक्षा के लिए किया आग्रह
कश्मीर में सरपंचों पर हाल के हमलों के मद्देनजर, स्थानीय पंचायत नेताओं ने सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अतिरिक्त सुरक्षा और वाहनों के लिए अनुरोध किया।घाटी के चार दिवसीय दौरे पर आये बिरला ने सोमवार को पहलगाम का दौरा किया और पंचायत नेताओं से बातचीत की।बिरला ने उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को उनकी चिंताओं से अवगत कराएंगे। लोकसभा अध्यक्ष ने पंचायत नेताओं को संसद की कार्यवाही देखने के लिए आने का न्योता भी दिया।जिला विकास परिषद (डीडीसी) अध्यक्ष, अनंतनाग, मोहम्मद यूसुफ गोरसी ने बिरला का उनसे मिलने के लिए आभार व्यक्त किया और अनंतनाग आने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हम दक्षिण कश्मीर में हैं, जहां सुरक्षा का खतरा बहुत अधिक है। हमें केवल दो सुरक्षा गार्ड दिए गए हैं, जो बारी-बारी से काम करते हैं। यह अजीब है कि हमारी सुरक्षा का स्तर जम्मू के समान ही है।’’दशनीपुरा के डीडीसी के सदस्य निहार अहमद मीर ने भी इसी तरह की भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि जम्मू में सुरक्षा की स्थिति कश्मीर से अलग है।उन्होंने कहा, ‘‘हमें अधिक सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए क्योंकि हम लगातार खतरे में हैं। साथ ही, हमें वाहन भी दिए जाने चाहिए क्योंकि इलाका पहाड़ी है।’’कुछ पंचायत नेताओं ने तालिबान के अफगानिस्तान के नियंत्रण के मद्देनजर सुरक्षा खतरा बढ़ने की आशंका भी व्यक्त की। हालांकि, अधिकारियों ने ऐसी किसी भी संभावना को खारिज कर दिया।पहलगाम बीडीसी अध्यक्ष जेरेना अख्तर (22) ने पीटीआई-भाषा से कहा कि सभी पंचायत नेताओं को पहलगाम के एक होटल में ठहरने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम दो दिन पहले पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचित करने के बाद ही यात्रा कर सकते हैं, लेकिन हमें वापस आकर होटल में रहना होगा।’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि यह सब उनकी सुरक्षा के लिए किया जा रहा है।पंचायत नेताओं की चिंताओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बिरला ने कहा कि सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि वह उनकी चिंताओं से उपराज्यपाल को अवगत कराएंगे।बिरला ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि पंचायती राज संस्थाओं ने यहां जमीनी स्तर के लोकतंत्र को मजबूत किया है और लोकतांत्रिक संस्थाएं लोगों के प्रति अधिक जवाबदेह हुई हैं।’’ स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि वे पंचायत नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। अधिकारियों में से एक ने कहा कि पंचायत नेताओं को एक होटल में रहने के लिए कहा गया है क्योंकि यह उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक है, लेकिन उनकी आवाजाही प्रतिबंधित नहीं है, बशर्ते उनके साथ राज्य पुलिस के जवान हों।पंचायत नेताओं ने उनके प्रशिक्षण में केंद्र के प्रयासों की सराहना की और लोकसभा अध्यक्ष के इस विचार का समर्थन किया कि पंचायती राज संस्थाओं के साथ घाटी में लोकतंत्र को मजबूती मिली है।पहलगाम विकास प्राधिकरण के सीईओ मसरत हाशिम ने स्पष्ट रूप से कहा कि शायद ही कोई सुरक्षा खतरा है और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कश्मीर पर्यटकों के लिए देश में सबसे सुरक्षित स्थलों में से एक है, खासकर अकेली महिला यात्रियों के लिए।अनंतनाग के जिला आयुक्त पीयूष सिंगला ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जिला प्रशासन पंचायत नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि पंचायती राज संस्थाओं की स्थापना ने लोगों को सशक्त बनाया है और उन्हें विकास प्रक्रिया का हिस्सा बनाया है।
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