विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला का बड़ा बयान, कहा- पाकिस्तान ने तालिबान को पनाह दी, हम उनकी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं
By दीप्ती कुमारी | Updated: September 4, 2021 09:37 IST2021-09-04T09:35:00+5:302021-09-04T09:37:24+5:30
भारत के विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान ने तालिबान का पोषण औऱ समर्थन किया है । हम उनपर करीब से नजर बनाए हुए है ।

फोटो सोर्स - सोशल मीडिया
दिल्ली : भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान ने "तालिबान का समर्थन और पोषण किया है । " उन्होंने कहा कि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका अफगानिस्तान में उसकी गतिविधियों पर करीब से नजर बनाए हुए हैं ।
श्रृंगला ने अपनी तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा के अंत में वाशिंगटन डीसी में मीडिया से बात करते हुए कहा कि “अमेरिका स्थिति को बहुत करीब से देख रहा है । वे स्पष्ट रूप से देखेंगे कि अफगानिस्तान की स्थिति में विभिन्न खिलाड़ी कैसे जुड़ते हैं । पाकिस्तान अफगानिस्तान का पड़ोसी देश है। उन्होंने तालिबान का समर्थन और पोषण किया है । ऐसे कई तत्व हैं जो पाकिस्तान समर्थित हैं इसलिए इसकी भूमिका को उस संदर्भ में देखा जाना चाहिए । "
विदेश सचिव ने कहा कि तालिबान ने भारत को आश्वासन दिया है कि वह हमारी चिंताओं को दूर करेंगे और हमारी तरह अमेरिका भी पाकिस्तान और तालिबान की हरकतों को अच्छे से देख रहे हैं ।
श्रृंगला ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति कैसे विकसित होती है, इस संबंध में अमेरिका की वेट एंड वॉच की नीति होगी और उन्होंने कहा कि भारत की भी इसी तरह की नीति है । विदेश सचिव ने कहा कि "इसका मतलब यह नहीं है कि आप कुछ भी नहीं करते हैं । इसका सीधा सा मतलब है कि आपको जमीन पर जैसी स्थिति है, उससे गौर देखने होगा कि यह आगे कैसे विकसित होती है । उन्होंने कहा कि आपको यह देखना होगा कि सार्वजनिक रूप से दिए गए आश्वासनों का वास्तव में धरातल पर पालन होता है या नहीं और चीजें कैसे काम करती हैं ।
उन्होंने कहा कि “तालिबान के साथ हमारा जुड़ाव सीमित रहा है । ऐसा नहीं है कि हमारे बीच मजबूत बातचीत हुई है लेकिन अब तक हमने जो भी बातचीत की है, वह एक तरह की रही है और तालिबान ने अबतक यह बात कहता आया है कि वह बेहतर ढंग से सबकुछ संभालेगा । आपको बताते दें कि हाल ही में कतर के दोहा स्थित भारतीय राजदूत ने एक वरिष्ठ तालिबान नेता से मुलाकात की और अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की बात कही और साथ ही किसी भी तरह के आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल न करने की बात पर जोर दिया ।