पाक जेल में बंद 483 भारतीय मछुआरे, संसद सदस्यों ने कहा- जल्द हो रिहाई

By भाषा | Updated: July 15, 2019 13:29 IST2019-07-15T13:29:56+5:302019-07-15T13:29:56+5:30

रेड्डी ने बताया कि उन्होंने तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के समक्ष यह मुद्दा उठाया था जिन्होंने मछुआरों के परिवारों को काउंसलर पहुंच मुहैया कराने का आश्वासन दिया था। ‘‘लेकिन आठ माह बीत गए, अब तक न तो इन मछुआरों के परिवारों को काउंसलर पहुंच मुहैया कराई गई और न ही मछुआरे रिहा किए गए।’

Pakistan has acknowledged the custody of 483 fishermen who are Indian or believed-to-be-Indian in their jails | पाक जेल में बंद 483 भारतीय मछुआरे, संसद सदस्यों ने कहा- जल्द हो रिहाई

रेड्डी ने कहा कि पाकिस्तान के अनुसार, कम से कम 483 भारतीय मछुआरे उसकी जेलों में बंद हैं।

Highlightsपिछले साल पाकिस्तानी नौवहन सुरक्षा एजेंसी ने गैरकानूनी तरीके से भारतीय जल क्षेत्र में प्रवेश कर 46 भारतीय मछुआरों को पकड़ लिया।नवंबर में पकड़ा गया। इनमें से 22 मछुआरे आंध्र प्रदेश के थे जो मछली पकड़ने वाले ट्रॉलरों में काम करने के लिए गुजरात गए थे।

राज्यसभा में सोमवार को वाईएसआर कांग्रेस के एक सदस्य ने पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय मछुआरों का मुद्दा उठाया और सरकार से उनकी शीघ्र रिहाई व उनके परिवारों को काउंसलर सुविधा मुहैया कराए जाने की मांग की।

वाईएसआर कांग्रेस के वी विजयसाई रेड्डी ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पिछले साल पाकिस्तानी नौवहन सुरक्षा एजेंसी ने गैरकानूनी तरीके से भारतीय जल क्षेत्र में प्रवेश कर 46 भारतीय मछुआरों को पकड़ लिया।

उन्होंने कहा कि इन 46 भारतीय मछुआरों को पिछले साल अक्तूबर नवंबर में पकड़ा गया। इनमें से 22 मछुआरे आंध्र प्रदेश के थे जो मछली पकड़ने वाले ट्रॉलरों में काम करने के लिए गुजरात गए थे। इन सभी मछुआरों को कराची की जेल में न्यायिक हिरासत में रखा गया है।

रेड्डी ने कहा कि पाकिस्तान के अनुसार, कम से कम 483 भारतीय मछुआरे उसकी जेलों में बंद हैं। उन्होंने सवाल किया ‘‘जब पाकिस्तानी नौवहन सुरक्षा एजेंसी ने भारतीय जल क्षेत्र का अतिक्रमण किया तब भारतीय तटरक्षक क्या कर रहे थे।’’

रेड्डी ने बताया कि उन्होंने तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के समक्ष यह मुद्दा उठाया था जिन्होंने मछुआरों के परिवारों को काउंसलर पहुंच मुहैया कराने का आश्वासन दिया था। ‘‘लेकिन आठ माह बीत गए, अब तक न तो इन मछुआरों के परिवारों को काउंसलर पहुंच मुहैया कराई गई और न ही मछुआरे रिहा किए गए।’’

वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य ने भारत सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने, उनके परिवारों को काउंसलर सुविधा उपलब्ध कराने और मछुआरों की शीघ्र रिहाई सुनिश्चित किए जाने की मांग की। विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनके इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया। 

कोयले की रॉयल्टी बढ़ाने की मांग

राज्यसभा में सोमवार को बीजू जनता दल के एक सदस्य ने कोयले की रॉयल्टी बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि ओडिशा जैसे सीमित संसाधनों वाले राज्य को इससे बहुत मदद मिल जाएगी। बीजद के अमर पटनायक ने उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा कि राज्यों में जिस कोयले का उत्पादन होता है उस पर राज्य सरकारों को रॉयल्टी दी जाती है। इस रॉयल्टी की समय समय पर समीक्षा होती है। फिलहाल यह रॉयल्टी 12 फीसदी है। पटनायक ने कहा कि राज्यों को दी जाने वाली रॉयल्टी अप्रैल 2012 में बढ़ाई गई थी।

इसकी समीक्षा 2015 में होनी थी लेकिन यह समीक्षा नहीं हो पाई। बीजद सदस्य ने कहा कि जीएसटी परिषद के समक्ष रॉयल्टी बढ़ाए जाने का मुद्दा उठाया गया था लेकिन अभी इसे मंजूरी नहीं मिल पाई है। उल्टे स्वच्छ पर्यावरण अधिभार लगा दिया गया।

उन्होंने सरकार से कोयले की रॉयल्टी वर्तमान 12 फीसदी से बढ़ा कर 20 फीसदी किए जाने की मांग की ताकि ओडिशा जैसे सीमित संसाधनों वाले राज्यों को इसका फायदा हो सके। 

खाड़ी क्षेत्र से आते समय विमानों के अधिक किराये का मुद्दा उठा रास में

खाड़ी क्षेत्र से भारत आने के दौरान विमानों के अधिक किराये का मुद्दा राज्यसभा में उठाते हुए माकपा के एक सदस्य ने सोमवार को सरकार से एक ‘‘बेहतरीन किराया प्रणाली’’ बनाए जाने की मांग की। माकपा सदस्य के के रागेश ने उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा ‘‘कोलकाता से दुबई जाते समय जहां विमान का किराया 6,000 रुपये होता है, वहीं दुबई से कोलकाता लौटते समय यही किराया 40,000 हो जाता है।’’ रागेश ने कहा कि कि खाड़ी क्षेत्र में जो प्रवासी भारतीय कामगार हैं वे छुट्टियों में या त्यौहारों के दौरान अपने परिजनों से मिलने के लिए भारत आते हैं।

यही वह समय होता है जब एयरलाइनें फायदा उठाते हुए किराये में भारी भरकम बढ़ोत्तरी कर देती हैं और अधिक किराया देना इन प्रवासी भारतीय कामगारों की मजबूरी बन जाती है। माकपा सदस्य ने मांग की कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे और एक ‘‘बेहतरीन किराया प्रणाली’’ बनाए। 

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