प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में हुई सड़क दुर्घटना में 29 यात्रियों की मौत पर सोमवार को दुख जताया। उत्तर प्रदेश रोडवेज की एक बस सोमवार सुबह लगभग चार बजे यमुना एक्सप्रेसवे पर फिसलकर 50 फुट नीचे गहरे नाले में जा गिरी, जिसमें 29 यात्रियों की मौत हो गई और 18 जख्मी हो गए।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश के आगरा में हुई बस दुर्घटना से दुखी हूं। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति मेरी संवेदना है। भगवान से प्रार्थना करता हूं कि घायल लोग जल्द स्वस्थ हों। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद मुहैया करा रहे हैं।’’
राज्यसभा में उठा आगरा हादसे का मुद्दा
राज्यसभा में यमुना एक्सप्रेस वे पर पूछे गए सवाल के जवाब में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह हाईवे यूपी सरकार ने बनाया है और केंद्र सरकार का इससे कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि नोएडा प्राधिकरण इसकी देखरेख करती है और उनसे इस हादसे की जानकारी ली गई है।
मंत्री ने बताया कि आगरा हादसे की जांच के लिए यूपी सरकार ने एक कमेटी भी गठित की है। गडकरी ने बताया कि यह कंक्रीट का रोड है और हमारे यहां के टायरों को और उन्नत किस्म का बनाने पर विचार किया जा रहा है।
नितिन गडकरी ने अपना जवाब देते हुए लोकसभा में कहा कि देश में 30 फीसदी लाइसेंस बोगस हैं लेकिन हम कुछ कर नहीं पाते. उन्होंने कहा कि इस लिए सभी सदस्यों को सड़क सुरक्षा से जुड़े बिल को इस सदन से पारित करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि देशभर में सड़क हादसे बड़े हैं सिर्फ तमिलनाडु इस मामले में अपवाद है। उन्होंने कहा कि आप लोग मिलकर मेरा बिल पारित करो, यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है और सड़क हादसे रुकने चाहिए। उन्होंने कहा कि वाहनों की स्पीड कम करना उपाय नहीं है, हमें सड़क सुरक्षा के आधार पर तकनीक और बसों में ऐसा सुधार करेंगे कि आपको पता भी नहीं चलेगी कि हम किस स्पीड में जा रहे हैं।
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने आगरा एक्सप्रेस वे पर हुए हादसा का मुद्दा उठाते हुए मंत्री नितिन गडकरी से कहा कि इसे राज्यों पर न डालें, हादसे कही भी उसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ड्राइवर स्पीड लिमिट का पालन नहीं करते और शराब पीकर गाड़ी चलाते हैं।
यादव ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे वहां लगे हुए हैं लेकिन ओवर स्पीडिंग पर चालान होता है या नहीं इसकी जांच होनी चाहिए, जुर्माना लगता है या नहीं, क्षमता से ज्यादा सवारियां भरते है, इस पर जुर्माना लगता है या नहीं, इन सभी बिंदुओं की जानकारी परिवहन मंत्रालय को लेनी चाहिए।