Padma Awards 2020: कौन हैं छन्नूलाल मिश्र, जानिए पद्म विभूषण सम्मान की घोषणा के बाद क्या कहा

By भाषा | Updated: January 28, 2020 14:57 IST2020-01-28T14:57:10+5:302020-01-28T14:57:10+5:30

किराना घराना से ताल्लुक रखने वाले, हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के पुरोधा मिश्र को पद्मविभूषण के लिये चुना गया है।

Padma Awards 2020: Know about Chhannulal Mishra latest Interview after the announcement of Padma Vibhushan | Padma Awards 2020: कौन हैं छन्नूलाल मिश्र, जानिए पद्म विभूषण सम्मान की घोषणा के बाद क्या कहा

गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र

Highlightsउन्हें 2010 में पद्मभूषण से नवाजा गया था। मिश्र ने बनारस से भाषा को दिये खास इंटरव्यू में कहा ,‘‘ प्रभु की कृपा और सभी लोगों की शुभकामनाओं से मिला है यह सम्मान ।’’

पद्मविभूषण को बाबा विश्वनाथ की कृपा बताते हुए महान शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र ने कहा कि वह इस सम्मान को अपने गुरू भगवान शंकर और देशवासियों को समर्पित करते हैं । किराना घराना से ताल्लुक रखने वाले, हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के पुरोधा मिश्र को पद्मविभूषण के लिये चुना गया है। उन्हें 2010 में पद्मभूषण से नवाजा गया था। मिश्र ने बनारस से भाषा को दिये खास इंटरव्यू में कहा ,‘‘ प्रभु की कृपा और सभी लोगों की शुभकामनाओं से मिला है यह सम्मान ।’’

लोकसभा चुनाव 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक रहे इस 85 वर्षीय कलाकार ने कहा ,‘‘ हमें पता चला तो विश्वास नहीं हो रहा था । लोग कह रहे थे कि आपको पद्मविभूषण के लिए चुना गया है लेकिन हमने कहा कि टीवी में तो नाम नहीं आया है। लेकिन जब टीवी पर अपना नाम देखा , तब विश्वास हुआ और बड़ी खुशी हुई। ‘बिन मांगे मोती मिले’ क्योंकि हमने मांगा नहीं था और हमें यह मिला।’’

संगीत के अपने सुनहरे सफर में कई सम्मान पा चुके मिश्र ने इसे सर्वाधिक महत्वपूर्ण सम्मान बताया । उन्होंने कहा ,‘‘यह सबसे अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बाद सिर्फ भारत रत्न है। यह भारत सरकार का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है तो सचमुच बहुत बड़ी बात है। प्रसन्नता हुई कि भारत सरकार ने हमारी कला को पहचाना। यह हमको नहीं मिला बल्कि हमारे उस्ताद, हमारे गुरू को मिला है ।’’

मिश्र ने कहा ,‘‘ हम अपने गुरू भगवान शंकर को समर्पित करेंगे यह सम्मान। ‘गुरूं शंकर रूपिणं’ यानी गुरू शंकर के रूप हैं। हम काशी में हैं और उन्हीं को समर्पित करते हैं । यह हम पूरे देशवासियों को समर्पित करते हैं । सब देशवासी खुश रहें और देश को सुरक्षित रखें, यही हमारी विनती है ।’’ बनारस से शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान और सितार वादक पंडित रविशंकर को भारत रत्न, शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी, कथक में बिरजू महाराज, तबला वादक किशन महाराज, नर्तक उदय शंकर को पद्म विभूषण मिल चुका है।

मिश्र ने कहा ,‘‘ संगीत के प्रति सरकार का रवैया सकारात्मक है । देर आये दुरूस्त आये । देर से मिला लेकिन सही समय पर यह सम्मान मिला । हम 85 बरस के हो गए हैं , अब कब तक रहेंगे, पता नहीं। जीते जी मिल गया, यह बहुत बड़ी बात है।’’

उन्होंने बनारस की माटी को अपनी जीवन संजीवनी बताते हुए कहा ,‘‘ काशी में हम ही हैं जो इस उम्र में भी गा रहे हैं । हमें बाहर से अमेरिका, मुंबई, कोलकाता से बुलावा आया लेकिन हमने काशी कभी नहीं छोड़ा। ‘चना चबैनी गंगजल जो पुरवै करतार , काशी कभी ना छोड़िये विश्वनाथ दरबार’।’’ कहीं कोई अधूरी ख्वाहिश रह गई है , यह पूछने पर मिश्र ने कहा ,‘‘ इलाही कोई तमन्ना नहीं जमाने में, मैंने सारी उम्र गुजारी है अपने गाने में। हमें 70 प्रकार का संगीत पता है, सातों कांड रामायण कंठस्थ है। गीता, वेद, उपनिषद सभी सुना सकते हैं। यह गुरू की कृपा है। और क्या चाहिये।’’

उन्होंने हालांकि बनारस की संगीत धरोहरों को सहेजने के लिये एक कला केंद्र स्थापित करने की अपील की। उन्होंने कहा ,‘‘बनारस की गायकी अधूरी रह रही है क्योंकि उसके लिये कोई ऐसी सिखाने की जगह नहीं है जहां उसका प्रचार प्रसार हो । शास्त्रीय संगीत का शास्त्र के अनुसार प्रचार हो , उससे विपरीत नहीं।

अभिजात यानी सिर्फ घराना संगीत नहीं , शास्त्रीय संगीत भी सिखाया जाये। ऐसी कोई जगह तो हो, बिल्कुल हो ।’’ मिश्र ने कहा ,‘‘हमको तो कोई तमन्ना नहीं है कि हमारे लिये कुछ बनायें । लेकिन काशी के कलाकारों का भला हो । उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयत्न किया जाये । हम तो आगे बढ़ चुके हैं । जो आगे नहीं बढ़ सके , उन्हें आगे बढाने का प्रयास हो ।’’

Web Title: Padma Awards 2020: Know about Chhannulal Mishra latest Interview after the announcement of Padma Vibhushan

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे