कोरोना महामारी के साथ ही देश बढ़ती महंगाई से भी परेशान है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि देश में मुद्रास्फीति बढ़ने की वजह पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में रोजाना हो रही बढ़ोतरी है। पूर्व वित्त मंत्री ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब खुदरा मुद्रास्फीति मई महीने में उछलकर 6.3 प्रतिशत पहुंच गई है। साथ ही चिदंबरम ने बढ़ती महंगाई को लेकर पीएम मोदी पर तंज कसा और उन्हें थैंक्स कहा है।
महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊंची है। चिदंबरम ने तंज करते हुए ट्वीट किया, ‘थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) 12.94 प्रतिशत है तो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 6.3 प्रतिशत है। ईंधन और ऊर्जा की महंगाई 37.61 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है।’ उन्होंने यह दावा भी किया कि ये आंकड़े सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के द्योतक भी हैं।
2021-22 में 5.1 रहने का अनुमान
रिजर्व बैंक ने 2021-22 में खुदरा महंगाई दर 5.1 फीसद रहने का अनुमान जताया है। इसके 2021-22 की पहली तिमाही में 5.2 फीसद, दूसरी तिमाही में 5.4 फीसद, तीसरी तिमाही में 4.7 फीसद और चौथी तिमाही में 5.3 फीसद रहने का अनुमान जताया है।
इसलिए बढ़ गई महंगाई
देश में महंगाई दर में बढोतरी के पीछे कच्चे तेल और विनिर्मित वस्तुओं की थोक कीमतों को माना जा रहा है। थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर पिछले महीने मई में 12.94 फीसद के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। यह पांचवां महीना है जब थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति बढ़ी है।