नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि अरबपति जॉर्ज सोरोस की टिप्पणी को "भारत में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को गिराने का प्रयास" के रूप में लेबल करना एक बचकाना बयान है। भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को भारत के लोकतंत्र पर सोरोस की टिप्पणी और हिंडनबर्ग-अडानी मामले से इसे जोड़ने के लिए जॉर्ज सोरोस पर पलटवार किया था।
अरबपति समाजसेवी जॉर्ज सोरोस का मानना है कि गौतम अडानी के व्यापारिक साम्राज्य में उथल-पुथल सरकार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पकड़ को कमजोर कर सकती है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोरोस के इस बयान को भारतीय लोकतंत्र पर हमले के तौर पर लेते हुए दृढ़ता से प्रतिवाद किया। 'हिंडनबर्ग रिसर्च' की 24 जनवरी को जारी रिपोर्ट के बाद से अडानी समूह को भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है।
इस रिपोर्ट में लेखांकन धोखाधड़ी और शेयरों में धांधली का आरोप लगाया गया है, लेकिन अडानी समूह ने इसे "दुर्भावनापूर्ण", "आधारहीन" और "भारत पर सुनियोजित हमला" बताते हुए इससे इनकार किया है। सोरोस ने गुरुवार को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में एक संबोधन में कहा कि मोदी को अडानी समूह के आरोपों पर विदेशी निवेशकों और संसद के "सवालों का जवाब देना होगा"। उनके भाषण पर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं।
इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को ट्वीट करते हुए लिखा, "जॉर्ज सोरोस ने अतीत में जो कहा था उसमें से अधिकांश से मैं सहमत नहीं था और अब भी उन्होंने जो कुछ भी कहा है मैं उससे भी सहमत नहीं हूं। लेकिन उनकी टिप्पणी को "भारत में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को गिराने का प्रयास" के रूप में लेबल करना एक बचकाना बयान है।"
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, "भारत की जनता तय करेगी कि कौन भारत सरकार में रहेगा और कौन बाहर होगा। मुझे नहीं पता था कि मोदी सरकार इतनी कमजोर है कि 92 साल के एक अमीर विदेशी नागरिक के बयानबाजी से उसे गिराया जा सकता है।"
चिदंबरम ने आगे कहा, "जॉर्ज सोरोस को अनदेखा करें और नूरील रौबिनी को सुनें। रौबिनी ने चेतावनी दी कि भारत "तेजी से बड़े निजी समूहों द्वारा संचालित है जो संभावित रूप से प्रतिस्पर्धा में बाधा डाल सकता है और नए प्रवेशकों को मार सकता है। उदारीकरण एक खुली, प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था की शुरूआत करना था। मोदी सरकार की नीतियों ने कुलीनतंत्र बना दिया है।"
मालूम हो, शुक्रवार को सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा कि सोरोस न केवल प्रधानमंत्री, बल्कि भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को भी निशाना बना रहे हैं। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि यह युद्ध भारत के खिलाफ शुरू किया जा रहा है और युद्ध और भारत के हितों के बीच मोदी खड़े हैं। उन्होंने कहा, "सभी को एक स्वर में उनकी टिप्पणी की निंदा करनी चाहिए।"
इस बीच जहां एक ओर जॉर्ज सोरोस अपनी टिप्पणी को लेकर भारत में चर्चा का विषय बने हुए हैं तो वहीं अब वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी सोरोस को लेकर सुर्खियों में हैं। दरअसल, थरूर का लगभग 14 साल पहले सोरोस को लेकर किया ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
थरूर ने पहले जॉर्ज सोरोस को लेकर ट्वीट करते हुए साल 2009 में लिखा था, "पुराने मित्र जॉर्ज सोरोस से मिले जो भारत के बारे में उत्साहित हैं और हमारे पड़ोस के बारे में उत्सुक हैं। वह एक निवेशक से कहीं अधिक है: एक सम्मानित विश्व नागरिक।"
(भाषा इनपुट के साथ)