नयी दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने बेंगलुरु में चली दो दिवसीय विपक्षी बैठक पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन्होंने कभी भाजपा के गलबहियां की, आज विपक्षी खेमे में बैठे हैं, जबकि असल में हमने हर जगह भाजपा, आरएसएस की मुखालफत की लेकिन हम अछूत हो गये।
एआईएमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता वारिस पठान ने कहा कि समान विचारधारा वाली 26 पार्टियों के लिए उनकी पार्टी "राजनीतिक अछूत" है, जबकि ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और उद्धव ठाकरे जैसे नेता, जो कभी भाजपा के साथ थे। आज विपक्ष की रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस और अन्य दलों के साथ लगे हुए हैं।
वारिस पठान ने विपक्षी दलों की बैठक में निमंत्रण न मिलने पर कहा, "उन्हें भाजपा को रोकने के लिए मुसलमानों का वोट तो चाहते हैं लेकिन वो मुसलमान नेताओं की सियासी अगुवाई को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करना चाहते हैं, मजे की बात तो यह है कि विपक्षी दल ये सारा खेल धर्मनिरपेक्षता के नाम पर कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "कोई एआईएमआईएम को भी बताए कि आखिर विपक्ष की बैठक में शिरकत करने वाले नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी और महबूबा मुफ्ती अचानक धर्मनिरपेक्ष कैसे हो गये, जो कल तक भाजपा के साथ सत्ता का आनंद ले रहे थे। "
एआईएमआईएम नेता पठान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर व्यंग्य करते हुए कहा कि कमाल तो यह है कि जो अरविंद केजरीवाल गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को गाली देते थे, वो भी बेंगलुरु गये, बैठक में हिस्सा लिया और कांग्रेस के साथ खड़े होकर पत्रकारों के साथ बात कर रहे थे।
पठान ने विपक्षी दलों के समान विचार होने के बाद भी एआईएमआईएम को अनदेखा किये पर कहा, “कितना दिलचस्प है कि वे कह रहे हैं कि संविधान और लोकतंत्र को बचाना है, भाजपा को हराना है। हम तो शुरू से यह बात कह रहे हैं। यहां तक कि एआईएमआईएम तो अपने पूरी ताकत के साथ 2024 में भाजपा को हराने की पुरजोर कोशिश करेगी ताकि नरेंद्र मोदी फिर से देश के प्रधानमंत्री न बनें, लेकिन अफसोस की विपक्षी दलों को यह बात समझ नहीं आती।
एआईएमआईएम नेता पठान ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वो उनके नेता असदुद्दीन ओवैसी की अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम अच्छे से समझते हैं कि जो अपने आप को विपक्षी दल कहते हैं, वो असदुद्दीन ओवैसी को नजरअंदाज कर रहे हैं। वो संविधान को बचाने की बात कर रहे हैं, यूसीसी के खिलाफ खड़े होने की बात कह रहे हैं लेकिन उन्हें ओवैसी का साथ मंजूर नहीं है।"