लद्दाख की भाषा में पीएम मोदी ने किया ट्वीट, लोगों ने पूछा ये क्या है

By सतीश कुमार सिंह | Published: August 6, 2019 09:17 PM2019-08-06T21:17:32+5:302019-08-06T21:17:32+5:30

लद्दाखी भाषा, जिसे भोटी या बोधी भी कहा जाता है, भारत के लद्दाख क्षेत्र में बोली जाने वाली एक भाषा है। यह लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश के लेह के बौद्ध बहुल जिले में प्रमुख भाषा है और निकटवर्ती कारगिल जिले में पुरीगी या बलटी कहला सकती है। हालांकि तिबेटिक परिवार का एक सदस्य, लद्दाखी मानक तिब्बती के साथ पारस्परिक रूप से समझदार नहीं है।

Our Home Minister @AmitShah Ji has been continuously working towards ensuring a better life for the people of Jammu, Kashmir and Ladakh. | लद्दाख की भाषा में पीएम मोदी ने किया ट्वीट, लोगों ने पूछा ये क्या है

उन्होंने कहा कि इन विधेयकों का पारित होना देश के कई महान नेताओं को सच्ची श्रद्धांजलि है।

Highlightsजम्मू-कश्मीर और लद्दाख अब निहित स्वार्थ से जुड़े लोगों के चंगुल से आजाद हैं और एक नई सुबह, एक बेहतर कल के लिए तैयार हैं।प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘मैं जम्मू-कश्मीर की बहनों और भाइयों के साहस और जज्बे को सलाम करता हूं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संबंधी विधेयक एवं संकल्प संसद में पारित होने पर इसे देश के कई महान नेताओं को सच्ची श्रद्धांजलि बताते हुए मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अब निहित स्वार्थ से जुड़े लोगों के चंगुल से आजाद हैं और एक नई सुबह, एक बेहतर कल के लिए तैयार हैं।

 प्रधानमंक्षी नरेन्द्र मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह को इस ऐतिहासिक फैसले के लिये ट्वीट कर बधाई दी है। इसके साथ ही संसद के बजट सत्र की समाप्ति पर पीएम मोदी ने अमित शाह, वेंकैया नायडू और ओम बिरला समेत 130 करोड़ देशवासियों को भी बधाई दी है। पीएम मोदी ने बधाई देने के लिए एक या दो ट्वीट नहीं बल्कि 5 भाषाओं में 48 ट्वीट किये हैं। पीएम मोदी अपने अधिकतर ट्वीट में अमित शाह और कश्मीर की जनता को बधाई ही दे रहे हैं। 

लद्दाखी भाषा, जिसे भोटी या बोधी भी कहा जाता है, भारत के लद्दाख क्षेत्र में बोली जाने वाली एक भाषा है। यह लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश के लेह के बौद्ध बहुल जिले में प्रमुख भाषा है और निकटवर्ती कारगिल जिले में पुरीगी या बलटी कहला सकती है। हालांकि तिबेटिक परिवार का एक सदस्य, लद्दाखी मानक तिब्बती के साथ पारस्परिक रूप से समझदार नहीं है।

लद्दाखी के भारत में लगभग 200,000 बोलने वाले हैं और चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में 12,000 वक्ता हैं, जो कि ज्यादातर किआंगटांग क्षेत्र में हैं।

लद्दाखी की कई बोलियाँ हैं: लेह के बाद लेहस्कट, जहाँ यह बोली जाती है; लेह के उत्तर पश्चिम में बोली जाने वाली शमसतक; स्टॉट्सकैट, सिंधु घाटी में बोली जाती है और जो दूसरों के विपरीत तानवाला है; नुब्रा, लेह के उत्तर में बोली जाती है; कारगिल जिले में पुरीगी / बलती बोली जाती है। बोलियों में महत्वपूर्ण अंतर स्वर या बोलने के तरीके में रहता है। ऊपरी लद्दाख और ज़ंगस्कर में बोली जाने वाली किस्मों में लद्दाखी और मध्य तिब्बती की पश्चिमी बोलियों की कई विशेषताएं हैं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संबंधी विधेयक एवं संकल्प संसद में पारित होने पर इसे देश के कई महान नेताओं को सच्ची श्रद्धांजलि बताते हुए मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अब निहित स्वार्थ से जुड़े लोगों के चंगुल से आजाद हैं और एक नई सुबह, एक बेहतर कल के लिए तैयार हैं।

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘मैं जम्मू-कश्मीर की बहनों और भाइयों के साहस और जज्बे को सलाम करता हूं। वर्षों तक कुछ स्वार्थी तत्वों ने इमोशनल ब्लैकमेलिंग का काम किया, लोगों को गुमराह किया और विकास की अनदेखी की। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अब ऐसे लोगों के चंगुल से आजाद हैं। एक नई सुबह, एक बेहतर कल के लिए तैयार हैं । ’’

उन्होंने कहा कि इन विधेयकों का पारित होना देश के कई महान नेताओं को सच्ची श्रद्धांजलि है। सरदार पटेल को श्रद्धांजलि है, जो देश की एकता के लिए समर्पित थे । उन्होंने कहा कि बाबासाहेब अम्बेडकर के विचार सर्वविदित हैं, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जिन्होंने भारत की एकता और अखंडता के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्हें भी श्रद्धांजलि है। मोदी ने कहा, ‘‘ ये कदम जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के युवाओं को मुख्यधारा में लाएंगे, साथ ही उन्हें उनके कौशल और प्रतिभा को प्रदर्शित करने के अनगिनत अवसर प्रदान करेंगे। इससे वहां के आधारभूत ढांचे में सुधार होगा, व्यापार-उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के नए अवसर बनेंगे और आपसी दूरियां मिटेंगी।’’

उन्होंने कहा कि लद्दाख के लोगों को विशेष रूप से बधाई । उन्हें इस बात की बेहद खुशी है कि केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की उनकी दशकों पुरानी मांग आज पूरी हो गई है। इस फैसले से लद्दाख के विकास को अभूतपूर्व बल मिलेगा। लोगों के जीवन में समृद्धि और खुशहाली आएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद में जिस प्रकार विभिन्न पार्टियों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर और वैचारिक मतभेदों को भुलाकर सार्थक चर्चा की, उसने हमारे संसदीय लोकतंत्र की गरिमा को बढ़ाने का काम किया है। इसके लिए वह सभी सांसदों, राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को बधाई देते हैं ।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को गर्व होगा कि सांसदों ने वैचारिक मतभेदों को भुलाकर उनके भविष्य को लेकर चर्चा की। साथ ही साथ वहां शांति, प्रगति और समृद्धि की राह सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में 125:61 और लोकसभा में 370:70 का विशाल बहुमत इस फैसले के प्रति भारी समर्थन को दिखाता है।

मोदी ने कहा कि देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने अपने-अपने सदन में जिस प्रकार से कार्यवाही का प्रभावी संचालन किया, उसके लिए वह उन्हें पूरे देश की ओर से बधाई देते हैं । प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हमारे गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के बेहतर जीवन को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। उनके समर्पण और अथक प्रयासों से ही इन विधेयकों का पारित होना संभव हो पाया है। इसके लिए उन्हें विशेष बधाई देता हूं । ’’ 

Web Title: Our Home Minister @AmitShah Ji has been continuously working towards ensuring a better life for the people of Jammu, Kashmir and Ladakh.

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