हैदराबाद, 10 अगस्त तेलंगाना में महिला विकास एवं बाल कल्याण अधिकारियों ने कहा कि अनाथालयों में आयोजित संवाद कार्यक्रमों की तस्वीरों के माध्यम से दो अनाथ बहनें साल 2017 में यहां खोई अपनी छोटी बहन से मिल गईं।
हालांकि अब आठ साल की हो चुकी लड़की ने अपनी 14 और 12 साल की दो बड़ी बहनों को नहीं पहचाना, लेकिन दोनों को यकीन था कि लड़की उनकी खोई हुई बहन है, जिसके बाद अधिकारियों ने तीनों बहनों का डीएनए टेस्ट करवाया, जिसमें इस बात की पुष्टि हो गई कि वे तीनों बहनें हैं। पिछले सप्ताह तीनों को मिला दिया गया।
हैदराबाद के जिला कल्याण अधिकारी अकेश्वर राव ने पीटीआई-भाषा को बताया कि दोनों बहनें अपने पिता के साथ रहती थीं। 2017 में पिता की मौत हो गई, जिसके बाद कुछ स्थानीय निवासियों ने उन्हें बाल देखभाल संस्थान (सीसीआई) भेज दिया।
उस समय उनकी छोटी बहन अपनी दादी के साथ रहती थी लेकिन उनकी मृत्यु के बाद वह सड़कों पर भटकती हुई पाई गई और पुलिस ने उसे अमीनपुर के एक सीसीआई में भर्ती कराया, जहां से उसे अप्रैल 2020 में अमीरपेट स्थित बाल गृह में स्थानांतरित कर दिया गया। ।
अधिकारी ने कहा कि दोनों बहनें कहती थीं कि उनकी एक छोटी बहन अपनी दादी के साथ रहती है और वे उसे वापस लाना चाहती हैं।
राव ने कहा कि वे नियमित रूप से राज्य द्वारा संचालित अनाथालयों में संवाद एवं शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं और दोनों लड़कियों की एक दोस्त ने इनमें से एक कार्यक्रम की तस्वीरें लीं और उन्हें दिखाया, जिन्होंने इन तस्वीरों में से एक लड़की को अपनी खोई हुई छोटी बहन बताया।
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