कोरोना वायरस निगेटिव प्रवासी मजदूर ही लौट सकते हैं ओडिशा, हाईकोर्ट ने नवीन पटनायक सरकार को दिया आदेश
By निखिल वर्मा | Published: May 8, 2020 11:31 AM2020-05-08T11:31:40+5:302020-05-08T11:31:40+5:30
ओडिशा के करीब तीन लाख कामगार सूरत में हीरे की कटिंग, कपड़ा उद्योग और अन्य काम करते हैं. इनमें से ज्यादातर कामगार गंजम जिले के हैं. लॉकडाउन में राहत मिलने के बाद प्रवासी मजदूर ओडिशा वापस आने लगे थे.
कोरोना वायरल लॉकडाउन के बीच अपने गृह राज्य लौट रहे प्रवासी मजदूरों को लेकर ओडिशा हाईकोर्ट ने सख्त फैसला सुनाया है। ओडिशा हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि जो प्रवासी मजदूरकोरोना वायरस टेस्ट में निगेटिव पाए जाएंगे, उन्हें ही प्रदेश में वापस आने दिया जाएगा। उच्च न्यायालय ने गुरुवार (7 मई) को अपने एक आदेश में राज्य की नवीन पटनायक सरकार को कहा कि गुजरात समेत अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी मजूदरों की वापसी के लिए दिए गए आदेश को तुरंत रद्द करें। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद ओडिशा के हजारों श्रमिकों की उम्मीदों को झटका लग सकता है जो काम-धंधा ठप्प होने की वजह से घर वापसी का सपना देख रहे थे।
जस्टिस एस पांडा और जस्टिस केआर महापात्रा की पीठ ने प्रवासियों की वापसी पर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, “राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ओडिशा आने के लिए कतार में लगे सभी प्रवासियों का सफर करने से पहले कोरोना वायरस टेस्ट निगेटिव हो।"
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार हाईकोर्ट के इस आदेश में तुरंत बाद गुजरात के सूरत से शुक्रवार (8 मई) को ओडिशा आने वाली पांच ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। सूरत के जिलाधिकारी धवल पटेल ने कहा, “हमें ओडिशा सरकार के अधिकारियों से जानकारी मिली कि उन्होंने एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, सभी यात्रियों का कोरोना वायरस टेस्ट निगेटिव होना चाहिए और फिर उन्हें ओडिशा भेजा जाना चाहिए। स्थानीय प्रशासन के लिए इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों का मेडिकल परीक्षण करना असंभव है। ”
बता दें कि ओडिशा में हाल ही में सूरत से लौटे 26 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। लॉकडाउन के कारण गुजरात के सूरत शहर में फंसे ओडिशा के प्रवासी मजदूर केंद्र सरकार की अनुमति के बाद बसों और ट्रेनों से पूर्वी राज्य लौट रहे हैं।