'विपक्ष के ‘दुष्प्रचार’, महामारी ने किसानों से वार्ता के प्रयास बाधित किये '
By भाषा | Updated: December 7, 2020 18:34 IST2020-12-07T18:34:00+5:302020-12-07T18:34:00+5:30

'विपक्ष के ‘दुष्प्रचार’, महामारी ने किसानों से वार्ता के प्रयास बाधित किये '
नयी दिल्ली, सात दिसंबर भाजपा द्वारा नये कृषि कानूनों के फायदे के बारे में किसानों को बेहतर तरीके से जानकारी दी गई होती, बशर्ते कुछ दलों ने महज सरकार के विरोध की खातिर इनका विरोध नहीं किया होता। यह मानना है पंजाब और हरियाणा के कुछ भाजपा नेताओं का।
पंजाब के भाजपा नेता सुरजीत कुमार ज्याणी ने सुझाव दिया कि पार्टी विपक्ष के ‘‘दुष्प्रचार’’ का विरोध करने में संलिप्त थी जो तुच्छ राजनीति कर रहा था।
ज्याणी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘भाजपा में हर कोई किसानों के साथ है। मोदी सरकार ये कानून किसानों के कल्याण और बेहतरी के लिए लाया है। लेकिन कई बार जब आप कुछ अच्छा करने का प्रयास करते हैं तो लोग इसे दूसरे तरीके से लेते हैं। हम इन कानूनों पर विपक्षी दलों का प्रतिवाद करने में फंस गए। अन्यथा हम किसानों से बेहतर संवाद कर सकते थे।’’
ज्याणी ने उम्मीद जताई कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत से समाधान निकलेगा।
गतिरोध दूर करने के लिए पांच दौर की वार्ता के बाद केंद्र और किसान संगठनों के बीच नौ नवंबर को एक बार फिर वार्ता होगी।
इसी तरह की भावना व्यक्त करते हुए हिसार से भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि एकमात्र समाधान वार्ता है और उनका मानना है कि कोविड-19 महामारी ने किसानों तक पहुंचने के प्रयासों में बाधा डाली है।
उन्होंने कहा कि बीच का रास्ता तलाशना होगा और ‘‘किसानों के साथ बातचीत में सरकार का रूख काफी नरम है।’’
उन्होंने कहा कि देश में कृषि क्षेत्र में सुधार की सख्त जरूरत है और ये कानून सही दिशा में हैं।
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