नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध, पूर्वोत्तर के 12 गैर भाजपा सांसदों ने पीएम के लिखा पत्र

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 30, 2019 02:52 PM2019-11-30T14:52:03+5:302019-11-30T14:52:03+5:30

लोकसभा एवं राज्यसभा के 12 सदस्यों की ओर से हस्ताक्षरित इस पत्र में कहा गया है, ‘‘हमारा सामूहिक तौर पर यह मानना है कि अगर ऐसा विधेयक देश में एकसमान रूप से लागू होता है तो इससे पूर्वोत्तर की स्थानीय एवं आदिवासी आबादी विस्थापन की चपेट में आ जाएगी।’’

Opposition to Citizenship Amendment Bill, 12 non-BJP MPs from Northeast wrote letter to PM | नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध, पूर्वोत्तर के 12 गैर भाजपा सांसदों ने पीएम के लिखा पत्र

हम सांसद पूर्वोत्तर क्षेत्र के स्थानीय आदिवासियों का प्रतिनिधित्व करते हैं और हम इसके पास किये जाने और हमारे क्षेत्र में लागू किये जाने का पुरजोर विरोध करना चाहेंगे।

Highlightsप्रधानमंत्री को पत्र लिखने वालों में से अधिकतर पूर्वोत्तर राज्यों के कांग्रेस सांसद हैं।सांसदों ने कहा है कि क्षेत्र के सभी प्रमुख गैर सरकारी संगठन भी इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं।

पूर्वोत्तर के 12 गैर भाजपा सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक के दायरे से पूर्वोत्तर के राज्यों को बाहर रखने का आग्रह करते हुए कहा है कि अगर यह प्रभाव में आया तो इलाके की आदिवासी जनता विस्थापन की चपेट में आ जाएगी।

प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वालों में से अधिकतर पूर्वोत्तर राज्यों के कांग्रेस सांसद हैं। सांसदों ने कहा है कि क्षेत्र के सभी प्रमुख गैर सरकारी संगठन भी इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। लोकसभा एवं राज्यसभा के 12 सदस्यों की ओर से हस्ताक्षरित इस पत्र में कहा गया है, ‘‘हमारा सामूहिक तौर पर यह मानना है कि अगर ऐसा विधेयक देश में एकसमान रूप से लागू होता है तो इससे पूर्वोत्तर की स्थानीय एवं आदिवासी आबादी विस्थापन की चपेट में आ जाएगी।’’

चिट्ठी लिखने की पहल करने वाले शिलांग के सांसद विंसेट एच पाला ने बताया कि उन लोगों का मानना है कि क्षेत्र के लोगों की भावनाओं से प्रधानमंत्री को अवगत कराना उनका नैतिक कर्त्तव्य है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले बरपेटा (असम) के सांसद अब्दुल खलीक ने बताया कि पूर्वोत्तर के लोगों को नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर घोर आपत्ति है और इसलिए इसका जोरदार विरोध हो रहा है।’’

पत्र में कहा गया है, ‘‘इसमें हस्ताक्षर करने वाले हम सांसद पूर्वोत्तर क्षेत्र के स्थानीय आदिवासियों का प्रतिनिधित्व करते हैं और हम इसके पास किये जाने और हमारे क्षेत्र में लागू किये जाने का पुरजोर विरोध करना चाहेंगे।’’ इस पत्र पर जिन अन्य लोगों ने हस्ताक्षर किया है उनमें अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य मुकुट मिथी और असम के नौगांव के सांसद प्रद्युत बारदोलोई शामिल हैं।

पाला ने बताया कि जिन सांसदों ने पत्र पर हस्ताक्षर किया है वह असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और सिक्किम के हैं। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पूर्वोत्तर में करीब 15 सांसद हैं और उन लोगों ने इस पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया है।

हालांकि मणिपुर के भाजपा सांसद राजकुमार रंजन सिंह ने गृह मंत्रालय से आग्रह किया है कि पूर्वोत्तर के राज्यों को नागरिकता संशोधन विधेयक की परिधि से बाहर कर दिया जाए। संसद में शून्यकाल के दौरान गुरुवार को भाजपा सांसद ने कहा था, ‘‘मेरे राज्य मणिपुर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। लोगों के मन में इस नये नारिकता संशोधन विधेयक के प्रति डर है।

उनका मानना है कि अगर यह नया कानून बना, तो बड़े पैमाने पर राज्य में प्रवासी आयेंगे।’’ गैर भाजपाई सांसदों ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री से यह भी कहा है कि 16वीं लोकसभा की संसद की स्थायी समिति के सदस्यों के पूर्वोत्तर राज्यों के दौरे के दौरान क्षेत्र के लोगों ने अपने जो विचार प्रकट किये थे, 12 सांसदों ने उसी से संबंधित मांग पत्र के माध्यम से रखी है। उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हम आपसे आग्रह करते हैं कि इस मामले को गंभीरता पूर्वक देखें और शीघ्रता से हमारी चिंताओं का समाधान करें।’’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का मुख्यमंत्रियों, राजनेताओं और सिविल सोसाइटी के सदस्यों के साथ बैठकों का दौर जारी है। शुक्रवार को शुरू हुई इन बैठकों में विधेयक से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। इस विधेयक में, नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन कर, पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में धार्मिक भेदभाव का सामना करने के कारण यहां आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई समुदाय के लोगों के पास उचित दस्तावेज नहीं होने के बावजूद, भारत की नागरिकता प्रदान करने की व्यवस्था की गयी है। लोकसभा चुनाव 2014 एवं 2019 में यह भाजपा के चुनावी वादों में से एक था।

Web Title: Opposition to Citizenship Amendment Bill, 12 non-BJP MPs from Northeast wrote letter to PM

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