विपक्ष संसद के दोनों सदनों में NEET विवाद पर लाएगा स्थगन प्रस्ताव
By रुस्तम राणा | Updated: June 27, 2024 19:22 IST2024-06-27T19:22:36+5:302024-06-27T19:22:43+5:30
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर बहस के दौरान विपक्ष नीट, महंगाई, बेरोजगारी, सीबीआई, ईडी और राज्यपाल कार्यालय के कथित दुरुपयोग जैसे मुद्दे उठाएगा। विपक्षी सदस्य सोमवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास एकत्र होंगे।

विपक्ष संसद के दोनों सदनों में NEET विवाद पर लाएगा स्थगन प्रस्ताव
नई दिल्ली: विपक्षी दल इंडिया गठबंधन ने गुरुवार को कहा कि वह शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों में नीट विवाद पर स्थगन प्रस्ताव लाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर इंडिया गठबंधन दलों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर बहस के दौरान विपक्ष नीट, महंगाई, बेरोजगारी, सीबीआई, ईडी और राज्यपाल कार्यालय के कथित दुरुपयोग जैसे मुद्दे उठाएगा। विपक्षी सदस्य सोमवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास एकत्र होंगे।
बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "बैठक में आज कई मुद्दों पर चर्चा हुई...संसद में सभी मुद्दों पर बहस होगी, चाहे वह राष्ट्रपति का अभिभाषण हो या अध्यक्ष का चुनाव।" डीएमके सांसद टी शिवा ने एएनआई से कहा, "हम कल (संसद में) एनईईटी मुद्दे पर नोटिस देंगे।"
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार मेडिकल परीक्षा नीट में अनियमितताओं और यूजीसी-नेट, सीएसआईआर यूजीसी-नेट और नीट-पीजी परीक्षाओं को रद्द करने के आरोपों को लेकर विपक्ष के निशाने पर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है।
#WATCH | Delhi | On INDIA alliance meeting, President of Rashtriya Loktantrik Party, Hanuman Beniwal says, "The Opposition is united and it will raise the issues of NEET, Agniveer, inflation and unemployment and MSP in the Parliament." pic.twitter.com/kwJqDH0mba
— ANI (@ANI) June 27, 2024
राष्ट्रपति ने कहा, "चाहे प्रतियोगी परीक्षाएं हों या सरकारी भर्ती, किसी भी तरह की बाधा नहीं आनी चाहिए। इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी की आवश्यकता होती है। हाल ही में कुछ परीक्षाओं में पेपर लीक होने की घटनाओं के संबंध में मेरी सरकार निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।"
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए खड़गे ने कहा था, "मोदी सरकार सिर्फ यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती कि 'हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए'। युवा न्याय की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। देश में हर दूसरा युवा बेरोजगार है और इस भाषण से बेरोजगारी दूर करने की कोई ठोस नीति सामने नहीं आई है।"