महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर भाजपा के ‘समानांतर सत्र’ पर सत्तापक्ष को आपत्ति

By भाषा | Updated: July 6, 2021 15:27 IST2021-07-06T15:27:46+5:302021-07-06T15:27:46+5:30

Opposition to BJP's 'parallel session' outside Maharashtra Assembly | महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर भाजपा के ‘समानांतर सत्र’ पर सत्तापक्ष को आपत्ति

महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर भाजपा के ‘समानांतर सत्र’ पर सत्तापक्ष को आपत्ति

मुंबई, छह जुलाई महाराष्ट्र में सत्ताधारी विधायकों ने यहां राज्य विधानसभा परिसर में भाजपा के ‘समानांतर सत्र’ आयोजित करने और लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई। एक दिन पहले ही कथित दुर्व्यवहार को लेकर विपक्षी दल के 12 विधायकों को निलंबित किया गया था।

विधान परिषद के सदस्यों ने पूछा कि कैसे कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के दौरान कुछ पूर्व विधायक विधान भवन परिसर में आकर मामले पर रिपोर्ट मांग सकते हैं।

सुरक्षाकर्मियों ने बाद में भाजपा सदस्यों को लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने से रोक दिया लेकिन वे प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे।

भाजपा के 12 विधायकों को सोमवार को विधानसभा से एक साल के लिये निलंबित कर दिया गया था। राज्य सरकार ने उन पर विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ “बदसलूकी” करने का आरोप लगाया था।

विधानसभा में नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने आरोपों को झूठा करार दिया था और कहा था कि घटना को लेकर जाधव का विवरण “एकतरफा” है।

भाजपा के कई विधायक मंगलवार को विधानमंडल भवन की सीढ़ियों पर बैठ गए और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाडी (एमवीए) सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। एमवीए में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस शामिल हैं।

फडणवीस ने नेतृत्व में विपक्षी विधायकों ने विरोध स्वरूप विधानमंडल परिसर में एक “समानांतर सत्र” आयोजित किया।

फडणवीस ने भाजपा विधायक कालिदास कोलमकर को “ (समानांतर) सदन का अध्यक्ष” घोषित किया और एक चर्चा का प्रस्ताव पेश किया।

विपक्षी विधायकों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि 12 भाजपा विधायकों को झूठे आरोपों के आधार पर निलंबित किया गया।

उन्होंने कहा, “आज, मैं यहां इस सरकार के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश कर रहा हूं और मैं सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि इस पर चर्चा शुरू करें।”

विधानसभा के अंदर, राकांपा नेता और प्रदेश के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव को सोशल मीडिया पर धमकी दी जा रही हैं। उन्होंने उनके लिये सुरक्षा की मांग की।

उन्होंने यह भी पूछा कि कैसे पूर्व विधायक राज पुरोहित विधानमंडल भवन के अंदर राजनीतिक बयान दे सकते हैं और पर्चे वितरित कर सकते हैं।

शिवसेना विधायक सुनील प्रभु ने पूछा कि विपक्षी सदस्यों को आसन की अनुमति के बगैर लाउडस्पीकर कैसे उपलब्ध कराया गया।

उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल ने कहा कि उन्होंने लाउडस्पीकर के इस्तेमाल (सदन के बाहर) की इजाजत नहीं दी है और सुरक्षा कर्मियों को उन्हें जब्त करने का आदेश दिया।

मलिक ने इस बात पर हैरानी जताई कि क्यों विधानमंडल भवन के मार्शल सोमवार को उन विधायकों को बाहर ले जाने नहीं आए जिन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव का “घेराव” किया था।

राज्य के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि जाधव को पर्याप्त सुरक्षा दी जाएगी।

इससे पहले जाधव ने अध्यक्ष से कहा कि वह संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब को निर्देश दें कि वह विपक्षी सदस्यों से सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने का अनुरोध करें। जाधव ने कहा, “सरकार मंगलवार को एक मसौदा कृषि विधेयक पेश करने जा रही है और विपक्ष की राय भी जरूरी है।”

मंत्री सुनील केदार और धनंजय मुंडे ने उन सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जिन्होंने विधानमंडल भवन परिसर में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की मंजूरी दी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज च्वहाण ने कहा, “ ‘समानांतर विधान सभा’ का सीधा प्रसारण किया जा रहा है और यह इस सम्मानित सदन का अपमान है।”

पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव जब अध्यक्ष के आसन पर बैठे तो उन्होंने सुरक्षा अधिकारियों को लाउडस्पीकर जब्त करने और समाचार चैनलों को ‘समानांतर सत्र’ का सीधा प्रसारण करने से रोकने का आदेश दिया।

मलिक ने शिकायत की कि निर्देश के बावजूद समाचार चैनल छद्म सत्र का सीधा प्रसारण कर रहे हैं।

इस बीच राज्य विधान परिषद में सत्ताधारी दलों के सदस्यों ने ‘समानांतर सत्र’ पर रिपोर्ट मांगी और पूछा कि कुछ पूर्व विधायक विधानमंडल भवन परिसर के अंदर कैसे आ गए जब सभी सदस्यों के लिये आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य है।

राकांपा के एमएलसी शशिकांत पाटिल ने पूछा, “क्या सभी की आरटीपीसीआर जांच कराई गई थी। मैं इस पर एक रिपोर्ट चाहूंगा और परिषद के सभापति से भी एक रिपोर्ट चाहूंगा कि इस संदर्भ में क्या कार्रवाई की गई।”

कांग्रेस एमएलसी भाई जगताप इस मुद्दे पर बोलने के लिए खड़े हुए तो विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी जिसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही को 20 मिनट के लिये स्थगित कर दिया। बाद में कांग्रेस विधानपरिषद सदस्य ने अपनी बात रखी।

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Web Title: Opposition to BJP's 'parallel session' outside Maharashtra Assembly

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