विपक्ष का संसद में चर्चा नहीं करना, शोर-शराबा करना दुर्भाग्यपूर्ण: जोशी
By भाषा | Updated: December 22, 2021 15:45 IST2021-12-22T15:45:01+5:302021-12-22T15:45:01+5:30

विपक्ष का संसद में चर्चा नहीं करना, शोर-शराबा करना दुर्भाग्यपूर्ण: जोशी
नयी दिल्ली, 22 दिसंबर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने ‘‘जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं की और शोर-शराबा किया जो दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसा लगता है कि वे 2019 के जनादेश को पचा नहीं पा रहे हैं’’।
जोशी ने शीतकालीन सत्र की समाप्ति पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘विपक्ष का जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं करना, आसन के पास आकर शोर-शराबा करना और नियम-पुस्तिका फेंकना दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
उन्होंने दावा किया कि विपक्ष ने ही महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी, सरकार चर्चा को तैयार थी और लोकसभा अध्यक्ष तथा राज्यसभा के सभापति ने इस पर चर्चा की मंजूरी दी थी, लेकिन कार्यसूची में सूचीबद्ध होने के बावजूद विपक्षी दल चर्चा को तैयार नहीं थे।
जोशी ने यह भी कहा कि 2019 का जनादेश भारतीय जनता पार्टी को और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को मिला था और इसे कांग्रेस और उसके मित्र दल पचा नहीं पा रहे। उन्होंने कहा, ‘‘उनका (कांग्रेस और विपक्षी दलों का) मानना है कि सत्ता तो खानदान को ही मिलनी चाहिए थी लेकिन मोदीजी ने इसे छीन लिया।’’
सदन में मुद्दे नहीं उठाने देने के विपक्ष के आरोपों को जोशी ने बेबुनियाद बताकर खारिज कर दिया। ‘बाल विवाह निषेध संशोधन विधेयक’ पेश किये जाने के कुछ ही समय पहले विधेयक की प्रति मिलने और संशोधित कार्यसूची में इसे शामिल करने के विपक्षी दलों के आरोप पर उन्होंने कहा कि संशोधित कार्यसूची या पूरक कार्यसूची पहली बार नहीं आई है, पहले भी आती रही हैं।
जोशी ने कहा कि विपक्षी दल अपनी सीट पर बैठेंगे तभी तो चर्चा करेंगे।
निर्वाचन विधि संशोधन विधेयक को स्थायी समिति में भेजने की विपक्ष की मांग के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह स्थायी समिति से चर्चा के बाद ही आया है और इस पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी पेश की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि छह विधेयकों को संसदीय समितियों के समक्ष विचारार्थ भेजा गया है।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि लोकसभा में शून्यकाल में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी सांसद राहुल गांधी ने अपने मुद्दे उठाये।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक निर्धारित था लेकिन आवश्यक सरकारी कार्य पूरा होने की वजह से इसे 22 दिसंबर को अनिश्चित काल के लिये स्थगित कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान 24 दिनों में कुल 18 बैठकें हुईं। इस अवधि में संसद के दोनों सदनों में 11 विधेयक पारित किये गए जिसमें वर्ष 2021-22 की अनुपूरक अनुदान मांगों से संबंधित एक विनियोग विधेयक भी शामिल है।
जोशी ने बताया कि लोकसभा का कार्य निष्पादन 82 प्रतिशत और राज्यसभा का कार्य निष्पादन 48 प्रतिशत रहा।
उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान कृषि विधि निरसन विधेयक 2021, राष्ट्रीय औषध शिक्षा अनुसंधान संस्थान संशोधन विधेयक 2021, केंद्रीय सतर्कता आयोग संशोधन विधेयक 2021, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापन संशोधन विधेयक 2021 और निर्वाचन विधि संशोधन विधेयक 2021 जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पेश किये गए।
गौरतलब है कि लोकसभा में कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने पिछले कुछ दिन से उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग करते हुए नारेबाजी की थी जिसके कारण कार्यवाही बाधित रही।
राज्यसभा में भी उच्च सदन के निलंबित किए गए 12 सदस्यों का निलंबन वापस लेने तथा लखीमपुर खीरी मामले को लेकर अजय मिश्रा ‘टेनी’ के इस्तीफे की मांग करते हुए विपक्षी दलों के कुछ सदस्यों ने इस सत्र में आसन के समक्ष हंगामा किया और कई बार सदन से बहिर्गमन किया।
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