यूसीसी पर मोदी सरकार की तेजी से विपक्षी सांसदों को संदेह, उठा रहे हैं लागू करने की 'मंशा' पर सवाल

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 4, 2023 09:47 IST2023-07-04T09:43:16+5:302023-07-04T09:47:11+5:30

मोदी सरकार द्वारा यूसीसी के संबंध में किये जा रहे तेज पहल पर विपक्षी सांसद सवाल उठा रहे हैं और यूसीसी लागू किये जाने को लेकर मोदी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

Opposition MPs doubt Modi government's fast on UCC, raising questions on 'intention' to implement UCC | यूसीसी पर मोदी सरकार की तेजी से विपक्षी सांसदों को संदेह, उठा रहे हैं लागू करने की 'मंशा' पर सवाल

यूसीसी पर मोदी सरकार की तेजी से विपक्षी सांसदों को संदेह, उठा रहे हैं लागू करने की 'मंशा' पर सवाल

Highlightsविपक्षी सांसदों ने मोदी सरकार द्वारा यूसीसी के संबंध में किये जा रहे तेज पहल पर उठाया सवालसंसद की कार्मिक, पेंशन, कानून और न्याय संबंधी स्थायी समिति की बैठक में विपक्षी सांसदों ने घेरा सरकार कोपांच साल पहले यूसीसी को अनावश्यक बताने वाला विधि आयोग क्यों लोगों से मांग रहा है राय

दिल्ली: समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर नरेंद्र मोदी सरकार की तेजी विपक्षी दल के सांसदों का रास नहीं आ रही है। यही कारण है कि विपक्ष सांसद सरकार द्वारा यूसीसी के संबंध में किये जा रहे पहल पर सवाल उठा रहे हैं और यूसीसी लागू किये जाने को लेकर मोदी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

समाचार वेबसाइट डेक्कन हेराल्ड की खबर के अनुसार संसद की कार्मिक, पेंशन, कानून और न्याय संबंधी स्थायी समिति की बैठक में विपक्षी सांसदों ने पूछा कि विधि आयोग इस लेकर फिर क्यों लोगों से राय मांग रहा है, जबकि उसने ही पांच साल पहले यूसीसी पर विचार व्यक्त करते हुए उसे "अवांछनीय और अनावश्यक" बताया था।

खबरों के अनुसार इस वक्त कानून मंत्रालय यूसीसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए विधि आयोग की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। जबकि सोमवार को संसदीय स्थायी समिति के सामने विपक्षी सांसदों ने यूसीसी को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किये और सवाल किया कि क्या यूसीसी से आदिवासियों को छूट दी जा सकती है।

जानकारी के मुताबिक संसदीय समिति के अध्यक्ष और भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने इस संबंध में कानून मंत्रालय के अधिकारियों से पूछा कि क्या यूसीसी से मुख्य रूप से आदिवासी बहुल उत्तर-पूर्वी राज्यों, जिन्हें अनुच्छेद 371 के तहत विशेष दर्जा प्राप्त है। उन्हें छूट दी जा सकती है।

हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि समिति के अध्यक्ष सुशील मोदी का पार्टी भाजपा आदिवासियों को यूसीसी से छूट देने की दिशा में क्या सोच रही है। वहीं सूत्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई कैबिनेट बैठक में उसे इस मुद्दे पर कहा कि पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि विपक्षी दलों ने अभी तक खुलकर यूसीसी का विरोध नहीं किया है और वे यूसीसी मसौदा का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे अपना रूख स्पष्ट कर सकें। उन्होंने कहा कि विधि आयोग यूसीसी पर विचार-विमर्श जारी रखे और अन्य हितधारकों से भी इस संबंध में टिप्पणियां ले।

वहीं कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने संसदीय समिति को बताया कि सरकार यूसीसी पर आगे बढ़ने से पहले विधि आयोग के परामर्श पूरा करने और अपनी रिपोर्ट सौंपने का इंतजार कर रही है।

यूसीसी पर मंत्रालय और विधि आयोग के विचार सुनने के लिए बुलाई गई संसदीय समिति की बैठक में विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार यूसीसी लाने के लिए इस कारण से तेजी दिखा रही है ताकि वो इसका इस्तेमाल 2024 के लोकसभा चुनावों से कर सके। इस कारण सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।

खबरों के अनुसार संसदीय समिति में मनोनीत सांसद और मशहूर वकील महेश जेठमलानी ने यूसीसी के समर्थन में संविधान के जनक बीआर अंबेडकर द्वारा संविधान सभा में दिये भाषण का उल्लेख किया। जिस पर कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद मनिकम टैगोर ने विरोध दर्ज करते हुए कहा कि बीआर अंबेडकर ने जिस समय यूसीसी का समर्थन किया था तो किसी के द्वारा उनकी मंशा पर सवाल नहीं उठाया गया था, लेकिन मोदी सरकार की "मंशा" पर सवाल उठ रहे हैं।

वही बीआरएस सांसद के सुरेश रेड्डी ने बैठक में पिछले विधि आयोग द्वारा यूसीसी पर दिये सुझाव के बारे में पूछा कि सरकार ने उस आयोग की कितनी सिफारिशें लागू कीं, जबकि बसपा सांसद मलूक नागर ने यूसीसी को लागू करने में जल्दबाजी पर सवाल उठाया, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यूसीसी को मुद्दा बनाने के लिए विपक्ष पर भी निशाना साधा।

कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा और डीएमके सांसद पी विल्सन ने संसदीय समिति को दो अलग-अलग नोट सौंपे। जिसमें यूसीसी पर विधि आयोग द्वारा दूसरी बार टिप्पणियां मांगने पर सवाल उठाया गया था। समीति के सामने विधि आयोग की ओर से मौजूद सदस्य सचिव खेत्रबासी बिस्वाल ने कहा कि आयोग को यूसीसी के मामले में 14 जून से अब तक जनता से 19.12 लाख प्रतिक्रियाएं मिली हैं।

डीएमके सांसद विल्सन ने यूसीसी का विरोध करते हुए कहा कि वर्तमान विधि आयोग द्वारा इस मुद्दे को फिर से टिप्पणियां मांगना अजीब है और पिछले विधि आयोग द्वारा पेश की गई रिपोर्ट को ही अंतिम रूप देने की आवश्यकता है। संसदीय समिति के समक्ष कई सांसदों ने पिछले आयोग के यूसीसी के संबंध में दिये विचार का उल्लेख किया कि यूसीसी फिलहाल के लिए न तो वांछनीय है और न ही आवश्यक है।

Web Title: Opposition MPs doubt Modi government's fast on UCC, raising questions on 'intention' to implement UCC

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