किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों का रास से बहिर्गमन

By भाषा | Updated: February 2, 2021 11:28 IST2021-02-02T11:28:46+5:302021-02-02T11:28:46+5:30

Opposition members seeking to discuss farmers issue | किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों का रास से बहिर्गमन

किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों का रास से बहिर्गमन

नयी दिल्ली, दो फरवरी राज्यसभा में मंगलवार को निर्धारित कामकाज स्थगित कर किसान आंदोलन के मुद्दे पर तत्काल चर्चा कराने की मांग आसन द्वारा स्वीकार नहीं किये जाने पर कांग्रेस, वाम, तृणमूल कांग्रेस, राजद, द्रमुक आदि दलों के सदस्य सदन से वाकआउट कर गए।

इन विपक्षी सदस्यों ने तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर दो माह से अधिक समय से चल रहे किसानों के आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने उनकी मांग अस्वीकार करते हुए कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन में कल चर्चा होगी और तब सदस्य किसान आंदोलन के मुद्दे पर अपनी बात रख सकते हैं।

उन्होंने सदन की बैठक शुरू होने पर बताया कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्हें नियम 267 के तहत नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, द्रमुक के तिरूचि शिवा, वाम सदस्य ई करीम और विनय विश्वम सहित कई सदस्यों के नोटिस मिले हैं। इस नियम के तहत सदन का सामान्य कामकाज स्थगित कर जरूरी मुद्दे पर चर्चा की जाती है।

नायडू ने कहा कि राष्ट्रपति ने संसद के बजट सत्र के शुरू में दिए गए अपने अभिभाषण में किसानों के आंदोलन का जिक्र किया है।

सभापति ने कहा कि लोकसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर आज चर्चा शुरू होगी और उच्च सदन में यह चर्चा कल बुधवार को होगी। उन्होंने सदस्यों के नोटिस अस्वीकार करते हुए कहा कि सदस्य कल राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपनी बात रख सकते हैं।

नायडू ने कहा कि सरकार और किसान समूहों के बीच बातचीत के कई दौर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे के यथाशीघ्र समाधान के लिए सदस्यों की चिंता को वह समझते हैं।

सभापति ने सदस्यों से संक्षेप में अपनी बात रखने को कहा।

सदन में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि दो माह से भी अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर किसान तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और इस मुद्दे पर चर्चा की जरूरत है।

तृणमूल कांग्रेस के सुखेंद्र शेखर राय ने कहा कि सरकार और किसानों के बीच क्या चल रहा है, सदन इससे अवगत नहीं है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान और भी मुद्दे उठाए जाएंगे लेकिन किसानों के मुद्दे पर अलग चर्चा करने की जरूरत है।

राय ने कहा ‘‘हम खास तौर से इसी मुद्दे पर, चर्चा करना चाहते हैं।’’

माकपा के करीम ने कहा कि प्रदर्शन स्थलों पर कड़ाके की ठंड में किसान बैठे हैं और उनको बिजली पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई है।

द्रमुक के तिरूचि शिवा ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर मुद्दा है जिस पर तत्काल चर्चा की जानी चाहिए।

राजद के मनोज झा ने कहा कि संसद जन प्रतिनिधियों का केंद्र है और संसद में जन सरोकार के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए।

बसपा के सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार और सांसद सभी चर्चा करना चाहते हैं।

सभापति ने कहा कि वह सदस्यों की भावनाओं और चिंता को समझते हैं।

उन्होंने कहा ‘‘इस मुद्दे पर कल चर्चा करने से आपको कोई नहीं रोक रहा है। कल आपको पूरा मौका मिलेगा। राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए दस घंटे और बजट पर चर्चा के लिए दस घंटे का समय तय किया गया है। इस अवसर का कल लाभ उठाएं।’’

सभापति द्वारा किसान आंदोलन के मुद्दे पर चर्चा की अनुमति न दिए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए कांग्रेस, वाम, तृणमूल कांग्रेस और राजद सदन से बहिर्गमन कर गए।

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Web Title: Opposition members seeking to discuss farmers issue

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