विपक्षी एकता को लगेगा झटका! कांग्रेस नेता ने दिल्ली अध्यादेश बिल के विरोध को गलत बताया, जानें पूरा मामला
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 31, 2023 03:32 PM2023-07-31T15:32:42+5:302023-07-31T15:34:23+5:30
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने एक ऐसा बयान दिया है जिससे विपक्षी एकता को झटका लग सकता है। केंद्र के दिल्ली सेवा अध्यादेश को लेकर दीक्षित ने कहा है कि ये बिल सदन में पास होना चाहिए, ये बिल दिल्ली की स्थिति के मुताबिक है।
नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र में केंद्र के दिल्ली सेवा अध्यादेश को बिल के रूप में पेश किया जाना है। एक तरफ भारतीय जनता पार्टी जहां इसे किसी भी हाल में पास करवाने के लिए कमर कस चुकी है वहीं विपक्ष इसे किसी भी सूरत में राज्यसभा में पारित नहीं होने देना चाहता। इस मामले में कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी का साथ देते हुए बिल का विरोध करने की बात कही थी। लेकिन अब कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने एक ऐसा बयान दिया है जिससे विपक्षी एकता को झटका लग सकता है।
संदीप दीक्षित ने इस मामले पर कहा, "लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत है, ये बिल सदन में पास होना चाहिए। ये बिल दिल्ली की स्थिति के मुताबिक है। अगर आप दिल्ली को शक्तियां देना चाहते हैं तो ये पूर्ण राज्य बनाया जाना चाहिए। मेरी राय में इस बिल का विरोध करना गलत है।"
#WATCH | Congress leader Sandeep Dikshit on Delhi Ordinance Bill, says, "BJP has a majority in Lok Sabha, this bill should be passed in the House. The bill is as per the status of Delhi. If you want to give powers to Delhi, then it should be made a full-fledged state....In my… pic.twitter.com/2uUxSMcLLM
— ANI (@ANI) July 31, 2023
बता दें कि दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर अध्यादेश अगर संसद के दोनों सदनों में पास हो गया तो ये आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका होगा। यही कारण है कि पार्टी ने अपने राज्यसभा सांसदों के लिए नोटिस जारी कर कहा है कि सोमवार 31 जुलाई, मंगलवार 1 अगस्त, बुधवार 2 अगस्त, गुरुवार 3 अगस्त और शुक्रवार 4 अगस्त 2023 को राज्यसभा में अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जाएंगे जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 शामिल है। पार्टी ने सभी सांसदों से अनुरोध किया है कि वह सदन में मौजूद रहें।
इससे पहले कांग्रेस ने साफ किया था कि वह दिल्ली की प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े केंद्र सरकार के अध्यादेश का संसद में समर्थन नहीं करेगी। कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसकी घोषणा की थी। कांग्रेस के इस ऐलान के बाद ही आम आदमी पार्टी ने विपक्ष के गठबंधन का हिस्सा बनने के लिए राजी हुई थी।
बता दें कि बिल के प्रावधानों के तहत नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी के गठन का प्रस्ताव है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अथॉरिटी के अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा दिल्ली के मुख्य सचिव और प्रधान गृह सचिव इसके सदस्य होंगे।