ओएनजीसी अपहरण मामला: उग्रवादियों की सहायता करने के आरोप में कांस्टेबल गिरफ्तार
By भाषा | Published: April 26, 2021 08:12 PM2021-04-26T20:12:47+5:302021-04-26T20:12:47+5:30
शिवसागर, 26 अप्रैल ओएनजीसी कर्मचारियों के अपहरण के मामले में सोमवार को असम के तिनसुकिया जिले में एक पुलिस कांस्टेबल को गिरफ्तार किया गया। कांस्टेबल पर अपहरण करने की वारदात में उल्फा (आई) उग्रवादियों की सहायता करने का आरोप है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि आरोपी कांस्टेबल बसंत बुरगोहिन के दो सहयोगी भी फरार हैं, जिन पर उसका साथ देने का शक है। इनकी गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि 25वीं असम बटालियन के तीन कांस्टेबल ओएनजीसी की लक्वा तेल आपूर्ति इकाई की सुरक्षा में तैनात थे और इन पर कर्मचारियों के अपरहण में उग्रवादियों की मदद करने का आरोप है, जिनमें से दो कांस्टेबल फरार हैं।
असम के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंता ने ट्वीट कर कहा कि इस मामले में सीधे तौर पर संलिप्त होने के आरोप में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि अपहरण किए गए तीसरे कर्मचारी का पता लगाने और उसे उल्फा उग्रवादियों की गिरफ्त से मुक्त कराने के लिए प्रयास जारी हैं।
असम-नगालैंड सीमा के पास शिवसागर जिले में लकवा तेल क्षेत्र से गत बुधवार को तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के तीन कर्मचारियों को संदिग्ध उल्फा (आई) उग्रवादियों ने अगवा कर लिया था।
नगालैंड में भारत-म्यांमा सीमा के पास शनिवार को मुठभेड़ के बाद ओएनजीसी के दो कर्मचारियों को छुड़ा लिया गया था जबकि तीसरे व्यक्ति की तलाश जारी है।
असम के डीजीपी ने छुड़ाए गए व्यक्तियों की पहचान मोहिनी मोहन गोगोई और अलाकेश सैकिया के तौर पर की थी जबकि सुरक्षा बल अन्य कर्मचारी रितुल सैकिया की तलाश कर रहे हैं।
इस बीच, प्रतिबंधित संगठन उल्फा (आई) ने पिछले दिनों मीडिया को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा था, '' सुरक्षा बल रितुल सैकिया को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। हमें संदेह है कि शायद सैकिया उनकी गोली से मारा गया अथवा सुरक्षा एजेंसियां अपने कुछ कारणों से सैकिया के बारे में जानकारी साझा करने से बच रही हैं।''
विज्ञप्ति में दावा किया गया कि उल्फा (आई) और एनएससीएन लापता तीसरे कर्मचारी को लेकर जिम्मेदार नहीं हैं।
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