नीतीश कुमार के दामन पर एक और दाग! CAG को शक, सरकारी ठेके के टेंडर में हुई भारी गड़बड़ी

By भारती द्विवेदी | Published: September 20, 2018 04:24 PM2018-09-20T16:24:36+5:302018-09-20T16:24:36+5:30

कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि टेंडर देते समय ना तो केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की गाइडलाइंस का पालन हुआ और ना ही राज्य सरकार के वित्तीय नियमों का।

One more on nitish kumar, CAG alleges scam in govt contracts | नीतीश कुमार के दामन पर एक और दाग! CAG को शक, सरकारी ठेके के टेंडर में हुई भारी गड़बड़ी

नीतीश कुमार

नई दिल्ली, 20 सितंबर: बिहार में एक और घोटले को लेकर खुलासा हुआ है। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी कैग की साल-2017-18 की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार राज्य भवन निर्माण लिमिटेड की टेंडर में गड़बड़ी हुई है। ठेकेदारों के टेंडर देते हुए नियमों भारी अनदेखी की गई है।

एनटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार राज्य भवन निर्माण लिमिटेड के टेंडर में कहीं बिना टेंडर ही वैसे ठेकेदारों को करोड़ों का काम दिया गया है, जो उसके काबिल नही। तो कहीं तय राशि से ज्यादा रकम ठेकेदार के अकाउंट में भेजे गए हैं। अपनी रिपोर्ट में कैग ने कहा है कि टेंडर देते समय ना तो केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की गाइडलाइंस का पालन हुआ और ना ही राज्य सरकार के वित्तीय नियमों का। कैग ने अपनी रिपोर्ट में जिस समय के टेंडर का जिक्र किया है, उस समय 10 महीने बिहार की कमान जीतन राम मांझी के पास थी। जबकि बाकी के पूरे समय मुख्यमंत्री का जिम्मा नीतीश कुमार के हाथ में थी।

बिहार स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड, बिहार सरकार के बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन्स डिपार्टमेंट(BCD)के अंतगर्त आता है। इस सरकारी कंपनी की कुल नौ यूनिट या पीएसयू हैं। और इन नौ यूनिटों को साल 2017-18 तक 1754.78.05 करोड़ का काम कराने की जिम्मेदारी मिली थी। लेकिन कैग की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि नौ में से पांच पीएसयू के 1309.05 करोड़ रुपये के 699 कामों में भारी गड़बड़ी हुई है। इन कामों के नमूना की में गड़बड़ी की बात सामने आई है। 

बिहार सरकार के वित्त विभाग के नियम के हिसाब से दस लाख से ऊपर के सभी कामों के ठेकेदारी का बंटवारा ओपन टेंडर से होगा। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने 10 लाख से ऊपर के टेंडर के लिए पब्लिक टेंडर पॉलिसी का ऑर्डर साल 2007 में जारी किया था। लेकिन बिहार में इस नियम की अनदेखी की गई है। साल 2014 नंवबर से 2016 के दिसंबर में गोदाम, स्वास्थ्य केंद्रों के अप्रग्रेडेशन, स्कूलों के निर्माण से जुड़े कामों को बगैर किसी टेंडर ठेकेदार को अतिरिक्त काम का ठेका देने की बात भी सामने आई है।

जब कैग ने बिना टेंडर के ठेके देने पर स्पष्टीकरण मांगा तो बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन्स डिपार्टमेंट(बीसीडी) ने साल 2017 के नवंबर में बीपीडब्ल्यूडी कोड का हवाला देते हुए कहा कि  ठेकेदारों के बीपीडब्ल्यूडी कोड के तहत मंजूरी मिली है। लेकिन कैग ने बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के उस जवाब को खारिज कर दिया था। 

Web Title: One more on nitish kumar, CAG alleges scam in govt contracts

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