कोरोना संकट के बीच एक बार फिर से देशभर में पूरी तरह से रुक जाएगा ट्रेन का पहिया?, जानें क्या है वजह

By अनुराग आनंद | Published: October 13, 2020 06:17 PM2020-10-13T18:17:46+5:302020-10-13T18:17:46+5:30

भारतीय रेलवे कर्मचारियों की बड़ी यूनियन नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन (एनएफआईआर) ने अपनी लंबित मांगों को पूरी करने के लिए कहा है।

once again the indian railways wheel will stop completely across the country. | कोरोना संकट के बीच एक बार फिर से देशभर में पूरी तरह से रुक जाएगा ट्रेन का पहिया?, जानें क्या है वजह

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsएनएफआईआर ने कहा कि हम नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा रेलवे को प्राइवेट कंपनी के हाथों में देने को स्वीकार नहीं करेंगे। संगठन ने कहा कि 13 लाख रेल कर्मचारी अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर दिन-रात मेहनत कर भारतीय रेल को चला रहे हैं।एनएफआईआर ने जल्द मांग नहीं पूरा किए जाने की स्थिति में देशभर में हड़ताल करने की घोषणा की है।

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में तेजी से वृद्धि हो रही है। लॉकडाउन के बाद एक बार फिर से कुछ स्पेशल ट्रेन यात्रियों के लिए चलाए जा रहे हैं। 

इस बीच खबर है कि एक बार फिर से देशभर में भारतीय रेलवे का पहिया थम सकता है। न्यूज 18 की मानें तो अपनी मांगों को लेकर रेलवे कर्मचारियों ने देशभर में रेल हड़ताल करने का ऐलान किया है।

भारतीय रेलवे कर्मचारियों की बड़ी यूनियन नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन (एनएफआईआर) ने मंगलवार को इसकी घोषणा की।

भारतीय रेलवे कर्मचारी संगठन ने ये कहा-

बता दें कि एनएफआईआर के महामंत्री डॉ. एम रघुवईया ने मंगलवार को कहा कि कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच 13 लाख रेल कर्मचारी अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर दिन-रात मेहनत कर भारतीय रेल को चला रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भारत सरकार रेल कर्मचारियों की लंबित मांगों को पूरा नहीं कर रही।

जानें क्या है रेलवे कर्मचारियों की मांग-

इस मामले में संगठन का कहना है कि देशभर में रेलकर्मचारियों का करीब 2000 करोड़ रुपये बोनस पेंडिंग पड़ा है, जिसका भुगतान सरकार की ओर से रेल कर्मचारियों को अभी तक नहीं किया गया है।

यहां तक की कोरोना काल में रेलवे ऑपरेशन को सुचारू रखने के लिए रेल कर्मी काम कर रहे हैं, जिससे कोविड 19 संक्रमण के चलते अभी तक करीब 300 रेल कर्मचारी मर चुके हैं। इन रेलवेकर्मियों के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए।

रेलवे का निजीकरण स्वीकार नहीं है

एनएफआईआर संगठन के महामंत्री रघुवईया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में कहा था क‍ि भारतीय रेलवे नवरत्‍न है, लेकिन आज इसी नवरत्‍न के निजीकरण का काम चल रहा है। रेलवे परिचालन को प्राइवेट हाथों में दिया जा रहा है। एनएफआईआर इसे बिल्‍कुल स्‍वीकार नहीं करेगा।

Web Title: once again the indian railways wheel will stop completely across the country.

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