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पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बहाने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने केन्द्र पर साधा निशाना, कहा- "मलिक साहब आप लड़ते रहें"

By एस पी सिन्हा | Updated: April 22, 2023 16:32 IST

कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि आखिरकार पीएम मोदी से रहा न गया। सत्यपाल मलिक ने देश के सामने उनकी कलई खोल दी तो अब सीबीआई ने मलिक जी को बुलाया है। ये तो होना ही था।

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ठळक मुद्देपूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को सीबीआई ने भेजा समन सत्यपाल मलिक को समन भेजे जाने के बाद से विपक्षी पार्टियां बीजेपी सरकार पर निशाना साध रही है बिहार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने केंद्र सरकार को कायर कहा

पटना: पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बहाने विरोधी दलों के द्वारा केन्द्र की मोदी सरकार पर हमला तेज कर दिया गया है। विपक्षी दल सत्यपाल मलिक की बातों को आधार बनाकर केंद्र सरकार से सवाल किया जाने लगा है।

वहीं सीबीआई के तरफ से समन जारी किये जाने के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी उनके समर्थन में उतर गए हैं। उन्होंने सीधा कहा है कि केंद्र सरकार कायर है और अपने खिलाफ बोलने वाले पर इसी तरह से परेशान करती है।

उन्होंने ट्विट कर लिखा कि 'मलिक साहब आप लड़ते रहें हैं, जो कायर हैं वे अपने विरोधियों पर सत्ता का इस्तेमाल करते हैं।' उनको पता नहीं है कि देश की जनता सब देख रही।

आपने जिस दिन रहस्योद्घाटन किया। उसी दिन से ऐसी संभावना थी। उन्होंने अंत में शायरी लिखा कि सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है।

इसके साथ ही कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि आखिरकार पीएम मोदी से रहा न गया। सत्यपाल मलिक ने देश के सामने उनकी कलई खोल दी तो अब सीबीआई ने मलिक जी को बुलाया है। ये तो होना ही था।

बता दें कि सत्यपाल मलिक ने बताया था कि सीबीआई ने मुझे पेश होने को कहा है। वे भ्रष्टाचार के इस मामले में कुछ चीजों पर मुझसे स्पष्टीकरण चाहते हैं। उन्होंने मुझसे मौखिक तौर पर 27 और 28 अप्रैल को मेरी सुविधानुसार पेश होने को कहा है।

हालांकि, अभी तक सीबीआई ने सत्यपाल मलिक के इस दावे की पुष्टि नहीं की है। उल्लेखनीय है कि सत्यपाल मलिक को 2018 में बतौर राज्यपाल जम्मू-कश्मीर भेजा गया था। मलिक के कार्यकाल में ही केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया था।

इसके बाद उन्हें बतौर राज्यपाल मेघालय भेज दिया गया था। लेकिन इस बीच उन्होंने दावा किया था कि उन्हें 23 अगस्त, 2018 से 30 अक्टूबर, 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी।

टॅग्स :सत्यपाल मलिकजेडीयूमोदी सरकारBJP
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