'खेत ठाकुर का... बैल ठाकुर का...' पर मची रार, जदयू एमएलसी संजय सिंह ने कहा, "मनोज झा माफी मांगे"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 29, 2023 08:04 AM2023-09-29T08:04:42+5:302023-09-29T08:12:12+5:30
राजद सांसद मनोज झा ने संसद में चर्चा के दौरान ओम प्रकाश वाल्मीकि की लिखी कविता 'ठाकुर का कुंआ' को पढ़ी। इस बात को लेकर जदयू नेता उनसे नाराज हैं और लगातार हमलावर हैं।
पटना: बिहार की सियासत में इस वक्त ओम प्रकाश वाल्मीकि की लिखी कविता 'ठाकुर का कुंआ' विवाद की वजह बनी हुई है। महागठबंधन की साझा सरकार चला रहे राजद और जदयू के नेता आमने-सामने है क्योंकि राजद सांसद मनोज झा ने संसद के विशेष सत्र के दौरान राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के दौरान मोदी सरकार पर हमला करने के क्रम में 'ठाकुर का कुंआ' को पढ़ी थी।
इस मामले को लेकर जदयू के राजपूत नेता राजद सांसद झा पर हमलावर हैं, वहीं दूसरी ओर राजद बेहद मजबूती के साथ मनोज झा के साथ खड़ी है और समाजवाद की बात करते हुए उनका बचाव कर रही है। लेकिन जदयू के राजपूत नेता इस मामले में मनोज झा की आलोचना करने से मान नहीं रहे हैं।
ताजा घटनाक्रम में जदयू एमएलसी संजय सिंह ने बीते गुरुवार को राजद सांसद मनोज झा की जमकर आलोचना की। संजय सिंह ने कहा, "ऐसे बयान समाज में विभाजन पैदा करते हैं। हम सभी जाति और धर्म के लोगों को एकजुट करने वाले नीतीश कुमार के साथ हैं। मनोज झा को इसका करारा जवाब मिलेगा। यह अशोभनीय बयान है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए।"
जेडीयू एमएलसी ने कहा, "मनोज झा राज्यसभा के सदस्य हैं। उनका बयान निंदनीय है। मुझे तो यहां तक लगता है कि वह दिल्ली यूनिवर्सिटी में ऐसे ही प्रोफेसर बन गए। मैं उन्हें ऐसी टिप्पणियों के खिलाफ चेतावनी देता हूं।"
मालूम हो कि कि पिछले हफ्ते राज्य सभा में महिला कोटा विधेयक पर चर्चा के दौरान राजद सांसद मनोज झा द्वारा पढ़ी गई 'ठाकुरों' पर एक कविता की तीखी आलोचना हुई थी क्योंकि कई राजनीतिक नेताओं ने इसकी निंदा की थी और उनसे माफी की मांग की थी।
महिला कोटा विधेयक में ओबीसी को ध्यान में रखने की मांग के बीच मनोज झा ने कवि ओम प्रकाश वाल्मिकी द्वारा लिखित कविता 'ठाकुर का कुआं (कुआं)' का पाठ किया था। इस बीच, जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने राजद सांसद की टिप्पणी का समर्थन करते हुए कहा कि यह किसी विशेष जाति पर लक्षित नहीं है।
ललन सिंह ने कहा, "मनोज झा द्वारा दिया गया भाषण अपने आप में एक प्रमाण है कि यह किसी विशेष जाति या धर्म पर लक्षित नहीं था। भारतीय जनता पार्टी का काम समाज में तनाव पैदा करना और भावनाओं को भड़काकर वोट आकर्षित करना है।"