Indian Air Force Day: क्यों मनाया जाता है एयरफोर्स डे, जानकर गर्व से भर जाएंगे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 8, 2019 10:22 AM2019-10-08T10:22:12+5:302019-10-08T10:22:12+5:30
आजादी से पहले एयरफोर्स पर आर्मी का नियंत्रण होता था और इसे आर्मी से 'स्वतंत्र' करने में इंडियन एयरफोर्स के पहले कमांडर इन चीफ एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को दिया जाता है।
आज 8 अक्टूबर को वायुसेना अपना 87वां स्थापना दिवस मना रही है। इसे इंडियन एयरफोर्स डे कहते हैं। आज के ही दिन साल 1932 में वायुसेना की स्थापना की गयी थी। लेकिन आजादी से पहले इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स कहा जाता था औऱ आजादी के बाद इसमें से 'रॉयल' शब्द हटा लिया गया।
वायुसेना के पहले दस्ते में 6 RAF ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाही शामिल थे। इस दस्ते का गठन 1 अप्रैल 1933 को हुआ। इंडियन एयरफोर्स ने द्वितीय विश्व युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
आजादी से पहले एयरफोर्स पर आर्मी का नियंत्रण होता था और इसे आर्मी से 'स्वतंत्र' करने में इंडियन एयरफोर्स के पहले कमांडर इन चीफ एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को दिया जाता है। वह 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक वायुसेना के पहले चीफ एयर मार्शल के रुप में काम किया।
भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है 'नभ: स्पृशं दीप्तम'। इसे गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है। बात करें वायुसेना के ध्वज की तो यह वायुसेना निशान से अलग नीले रंग का है। इसके एक चौथाई भाग में राष्ट्रीय ध्वज बना हुआ है। इसके मध्यभाग में राष्ट्रीय ध्वज के तीन रंगों से बना एक वृत्त है।
इंडियन एयरफोर्स ने उत्तराखंड में बाढ़ के दौरान नागरिकों को रेस्क्यू करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। इसे 'राहत' मिशन नाम दिया गया था। इस मिशन के तहत एयर फोर्स ने 20,000 नागरिकों को एयरलिफ्ट कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था।
गाजियाबाद स्थित इंडियन एयरफोर्स का हिंडन एयर फोर्स स्टेशन एशिया में सबसे लंबा और विश्व में आठवां सबसे लंबा एयर बेस है।