ओडिशा: नंदनकाना चिड़ियाघर में पीले एनाकोंडा की मौत, अब जू बचे सिर्फ पांच एनाकोंडा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 28, 2020 17:00 IST2020-08-28T16:59:20+5:302020-08-28T17:00:05+5:30

ओडिशा: नंदनकाना चिड़ियाघर में पीले एनाकोंडा की मौत, अब जू बचे सिर्फ पांच एनाकोंडा
सिलीगुड़ी : ओडिशा के भुवनेश्वर में नंदनकाना चिड़ियाघर में शुक्रवार को एक पीले एनाकोंडा की मौत हो गई। फिलहाल, उसके पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार है। नंदनकाना के उप निदेशक बिमल कुमार आचार्य ने बताया कि अब चिड़ियाघर में पांच एनाकोंडा बचे हैं।
बीते दिनों नॉर्थ बंगाल वाइल्ड एनिमल्स पार्क (बंगाल सफारी) की बाघिन 'शीला' ने बुधवार सुबह-सुबह बड़ी खुशखबरी दी।
उसने तीन शावकों को जन्म दिया। वे तीनों ही स्वस्थ हैं और मां का दूध भी खूब पी रहे हैं। मां व नवजात शावकों, चारों की ही अलग से विशेष देखरेख की जा रही है। इन नए मेहमानों की आमद से पिता 'विभान' और दोनों बहनें 'रीका' व 'कीका' गदगद हैं।A Yellow Anaconda died at Nandankana Zoo in Bhubaneswar, Odisha today. The postmortem report is awaited. Now, five Anaconda are left at the zoo: Bimal Kumar Acharya, Deputy Director, Nandankana Zoo pic.twitter.com/KxdfbZS7so
— ANI (@ANI) August 28, 2020
यह वास्तव में बड़ी खुशी की बात है कि सिलीगुड़ी शहर से लगभग 10-11 किलोमीटर दूर पांच माइल में सेवक रोड किनारे 297 हेक्टेयर जंगली भूभाग में फैले विशाल 'बंगाल सफारी' पार्क में रॉयल बंगाल टाइगरों की संख्या अब चार से बढ़कर सात हो गई है।
इससे पूर्व 11 मई 2018 को भी 'शीला' ने तीन शावकों रीका, कीका, व इका को जन्म दिया था। ये नामकरण खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया था। उन तीनों शावकों में से एक 'इका' की जन्मजात कमजोरी के कारण, पांच महीने बाद ही मौत हो गई। उन तीनों शावकों का पिता 'स्नेहाशीष' था जो इन दिनों कोलकाता के अलीपुर स्थित चिड़ियाघर में है। वहां, पहले से तीन बाघिन व चार बाघ थे। मगर, उन चारों बाघों की उम्र 12 वर्ष से अधिक थी और वे संख्या-वृद्धि में सक्षम नहीं हो पा रहे थे इसीलिए 'स्नेहाशीष' को दिसंबर 2018 में नॉर्थ बंगाल वाइल्ड एनिमल्स पार्क (बंगाल सफारी) से कोलकाता के अलीपुर चिड़ियाघर ले जाय