ओडिशा पंचायत चुनाव आरक्षण नीति को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई
By भाषा | Updated: November 22, 2021 22:36 IST2021-11-22T22:36:39+5:302021-11-22T22:36:39+5:30

ओडिशा पंचायत चुनाव आरक्षण नीति को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई
कटक, 22 नवंबर उड़ीसा उच्च न्यायालय ने सोमवार को राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को निर्देश दिया कि वह एक हलफनामा दायर कर राज्य में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए अपनाई जाने वाली आरक्षण नीतियों का विवरण दें।
यह निर्देश मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एक रिट याचिका पर शुरुआती सुनवाई के दौरान दिया। रिट में एक अक्टूबर 2021 को इस संबंध में जारी राज्य सरकार की अधिसूचना को चुनौती दी गई है।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि पंचायत राज सचिव द्वारा जारी अधिसूचना अगर लागू की जाती है, तो ये अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोगों के संवैधानिक और साथ ही वैधानिक अधिकारों को पूरी तरह से छीन लेगी।
याची के वकील सुकांत देलेई ने कहा कि सरकारी अधिसूचना का उद्देश्य अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए सीटों के आरक्षण का प्रतिशत बदलना है और यह सीटों के आरक्षण के रोटेशन सिद्धांत को भी बदल देगा।
उन्होंने बताया कि अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 20 दिसंबर तय की है।
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