पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ ओडिशा कांग्रेस उतरी सड़क पर
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 4, 2018 07:53 PM2018-06-04T19:53:28+5:302018-06-04T19:55:36+5:30
भाजपा राज्य इकाई महासचिव भृगु बक्षीपात्रा ने कहा, 'पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए इन्हें जीएसटी परिषद से अनुरोध करना चाहिए।'
भुवनेश्वर, 04 जून: ओडिशा कांग्रेस ने ईंधन की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की बीजद (बीजू जनता दल) ने हड़ताल और विरोध प्रदर्शन किया। सड़क पर जाम लगाकर लोगों ने इसके खिलाफ पुरजोर विरोध किया। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ पांच घंटे की हड़ताल के कारण राज्य में सामान्य जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। यह हड़ताल सुबह 7.00 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक प्रभावी रही।
ओडिशा कांग्रेस के अध्यक्ष निर्वाण पटनायक ने कहा कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि से उपभोक्ताओं को नुकसान हो रहा है और कुछ व्यापारियों और निर्माताओं की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। दोनों केंद्र और राज्य सरकार कम से कम लोगों की दुर्दशा के बारे में परेशान हैं। इस दौरान कई स्थानों पर बसों और अन्य वाहनों की आवाजाही बंद रही। वहीं, कई रेलवे स्टेशनों पर बीजद कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के कारण रेलवे सेवाएं भी प्रभावित हुईं।
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हड़ताल के कारण स्कूली बच्चे और कार्यालय जाने वाले सबसे अधिक प्रभावित हुए क्योंकि हड़तालियों ने भुवनेश्वर समेत राज्य के अन्य इलाकों में सड़कें बाधित कर दी थीं। राज्य सरकार ने हड़ताल के मद्देनजर सभी स्कूलों -कॉलेजों को बंद रखने को कहा था। बीजद कार्यकर्ताओं ने पोस्टर-बैनर लहराते हुए राजधानी के प्रमुख चौराहों पर टायरों में आग लगा दी और शहर भर के ट्रैफिक को रोक दिया।
इस पर बीसेजेडी अध्यक्ष राणा प्रताप पात्रा ने कहा, 'बीवाईजेडी और बीसेजेडी लंबे समय से तेल कीमतों में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। लेकिन वह लोगों पर कोई प्रभाव डालने में विफल रहे, इसलिए हमने अब संघीय सरकार के सभी गुप्त एजेंडों पर लोगों को जागरूक करने का फैसला किया है।'
भाजपा राज्य इकाई महासचिव भृगु बक्षीपात्रा ने कहा, 'पेट्रोलियम पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए इन्हें जीएसटी परिषद से अनुरोध करना चाहिए।'
पिछले दिनों पेट्रोल-डीजल ने महँगाई का अब तक का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार 14 दिनों तक बढ़ती रही थीं। केंद्र सरकार पर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने का दबाव है।
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